भारत ने 2023 को मोटे अनाजों के साल के रूप में मनाने का फैसला किया है, और इसके तहत जीएसटी काउंसिल ने मोटे अनाजों के कुछ उत्पादों पर कम टैक्स का फैसला लिया है। इससे उन उत्पादों के दामों में समय के साथ कमी हो सकती है।
जीएसटी काउंसिल की आज हुई बैठक
माल एवं सेवा कर परिषद (GST Council) जीएसटी के बारे में फैसले लेने के लिए एक शीर्ष इकाई है। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में काउंसिल 52वीं बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के साथ-साथ विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
जीएसटी काउंसिल का निर्णय
बैठक के दौरान जीएसटी काउंसिल ने मिलेट फ्लोर फूड प्रीपरेशंस के लिए जीएसटी की दरों को मौजूदा 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार किया गया है। पहले, जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमिटी ने पावडर्ड मिलेट के लिए छूट की सिफारिश की थी। इस निर्णय के बाद, अब मिलेट फ्लोर फूड प्रीपरेशंस पर जीएसटी में कम करार दिया गया है।
भारत सरकार द्वारा मोटे अनाज को प्रोत्साहन
कुछ दिनों से मिलेट, जो कि मोटे अनाजों में से एक है, पर बहुत चर्चा हो रही है। भारत सरकार इसे प्रोत्साहित कर रही है और इसके लिए 2023 को ‘मिलेट ईयर’ यानी मोटे अनाजों के साल का आयोजन किया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि देश में मोटे अनाजों का उत्पादन और उपभोग, दोनों ही तेजी से बढ़े।
मोटे अनाजों के फायदें
मोटे अनाज न केवल लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होते हैं, बल्कि वे पर्यावरण के लिए भी अधिक अनुकूल होते हैं। मोटे अनाजों में कई पोषक तत्व होते हैं, जिनके सेवन से लोगों का स्वास्थ्य सुधारता है। साथ ही, मोटे अनाज कम पानी में उगाए जा सकते हैं और उन्हें उगाने के लिए कम रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता होती है।
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