औरैया, उत्तर प्रदेश की एक जगह है जहां देशी घी का निर्माण किया जाता है और यह घी प्रदेश भर में प्रसिद्ध है। इसके साथ ही औरैया की एक और प्रसिद्ध वस्त्रान्तर है और वह है “औरैया के पेड़े”। औरैया के पेड़े काफी प्रसिद्ध हैं और अब जब आप औरैया जाते हैं, तो आपको इसे जरूर ट्राय करना चाहिए, साथ ही इसके स्वाद के साथ इसके इतिहास को भी याद रखना चाहिए। धर्म स्वीट हाउस, अजीतमल के पेड़े अमेरिका तक भी जाते हैं और इनकी कीमत 340 रुपये प्रति किलो होती है।
जनता इंटर कॉलेज के पास अजीतमल के पास धर्म स्वीट्स नामक एक दुकान है, जहां पर पेड़े और अन्य मिठाइयां चालू हैं। इस दुकान के मालिक अग्रवाल ने बताया कि पेड़े बनाने के लिए सबसे पहले उन्हें आस-पास के गांवों से ताजा दूध लाया जाता है। यह दूध की पहले क्वालिटी की जांच की जाती है, उसके बाद दूध को उबालकर मावा बनाया जाता है। तैयार मावा को बड़ी कढ़ाई में आधे घंटे तक धीमी आंच पर भूना जाता है और फिर इसमें हल्की शक्कर डाली जाती है और सफेद मावे के लाल हो जाने तक भूना जाता है। इसके बाद करीब 2 घंटे के लिए इसे ठंडा होने के लिए रख दिया जाता है। ठंडा होने के बाद तैयार मावे में बुरा (शक्कर का पाउडर) और इलायची पाउडर डाले जाते हैं और फिर इसे हाथों से आकार दिया जाता है। अग्रवाल ने बताया कि इन पेड़ों का प्रसार अमेरिका तक भी होता है। अक्सर यहां से अमेरिका जाने वाले लोग पेड़े जरूर खरीदते हैं।
यदि आप अपने घर पर औरैया के पेड़े बनाना चाहते हैं, तो आपको मात्राओं का ध्यान देना होगा। घर पर पेड़े बनाने के लिए सबसे पहले 4 लीटर दूध को अच्छी तरह से उबालकर मावा तैयार करें। आमतौर पर, 4 लीटर दूध से लगभग 1 किलो मावा बनता है। उसके बाद, इस मावा को आधे घंटे तक धीमी आंच पर भूनें और फिर इसमें 150 ग्राम चीनी डालें और इसे तब तक भूनें जब तक मावा सुनहरा न हो जाए। फिर, भूने हुए मावा को ठंडा होने के लिए छोड़ दें। ठंडा होने के बाद, बाकी 150 ग्राम चीनी का पाउडर बना कर इसमें मिला दें। साथ ही अपनी पसंद के अनुसार इलायची पाउडर डालें और अपने हाथों से इसे छोटे-छोटे लड्डू के आकार में बना लें।
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