-करिश्मा राय तंवर
दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं जो कुछ बेहद खूबसूरत हैं तो कुछ बेहद खतरनाक. कई ऐसी जगहें भी हैं, जहां इंसान जाता तो है लेकिन जिंदा कभी वापस नहीं आता है. ऐसी ही एक जगह के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसे दुनिया का आखिरी हाईवे माना जाता है. साथ इस जगह पर अकेले जाने की हिम्मत कोई नही कर पाता है. हम बात कर रहे है. North Pole की, जहां पर पृथ्वी की धुरी घूमती है. इसे नॉर्वे का आखिरी छोर भी कहा जाता है.
दरअसल यह एक ऐसी जगह है, जहां से आगे जाने वाले रास्ते को दुनिया का आखिरी रास्ता माना जाता है. इस सड़क का नाम ई-69 हाइवे है जो पृथ्वी के अंतिम छोर और नॉर्वे को आपस में जोड़ती है. ये वो सड़क है, जहां से आगे कोई सड़क ही नहीं है. बस बर्फ ही बर्फ और समुद्र ही समुद्र दिखाई देता है.
ई-69 एक हाईवे करीब 14 किलोमीटर लंबा है. इस हाईवे पर ऐसे कई स्थान हैं, जहां अकेले चलना, पैदल चलना या गाड़ी चलाना प्रतिबंधित है. मतलब यहां जाने के लिए कई लोगों का एक साथ होना जरूरी है. आप अकेले इस सड़क से नहीं गुजर सकते हैं.
दरअसल उत्तरी ध्रुव के पास होने के कारण यहां का मौसम तो अलग होता ही है, साथ ही यहां सर्दियों के मौसम में न तो रातें खत्म होती हैं और न ही गर्मियों में सूरज डूबता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि कभी-कभी तो यहां लगभग छह महीने तक सूरज दिखाई नहीं देता. गर्मियों में यहां का तापमान औसत जमाव बिंदु जीरो डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहता है. वहीं सर्दियों में यहां का तापमान माइनस 43 डिग्री से माइनस 26 डिग्री सेल्सियस के नीचे चला जाता है. यही वजह है की हर तरफ बर्फ की मोटी चादर बिछी होने के कारण यहां खो जाने का खतरा हमेशा बना रहता है.
इस जगह पर एक अलग दुनिया में होने का अहसास होता है. यहां पर डूबता हुआ सूरज और पोलर लाइट्स को देखने लोग दुनिया के अलग-अलग हिस्से से आते हैं. गहरे नीले आसमान में कभी हरी तो कभी गुलाबी रोशनी सैलानियों का मन मोह लेती है. इन पोलर लाइट्स को ‘ऑरोरा’ कहा जाता है, जो रात के समय नजर आती हैं.
सबसे खास बात यह है कि इतनी भयानक ठंड पड़ने के बावजूद यहां लोग रहते हैं. पहले तो यहां सिर्फ मछली का व्यवसाय होता था. लेकिन साल 1930 के बाद से इस जगह का विकास होना शुरू हो गया. साल 1934 में यहां के लोगों ने मिलकर फैसला किया कि यहां पर्यटकों का स्वागत किया जाना चाहिए, ताकि उनकी कमाई में एक अन्य साधन भी शामिल हो जाए. अब दुनियाभर से लोग उत्तरी ध्रुव घूमने के लिए आते हैं.