कोटा मंडी में अव्यवस्थित नीलामी से हर रोज परेशान हो रहे हजारों किसान

एशिया की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी माने जाने वाली राजस्थान के कोटा की भामाशाह कृषि उपज मंडी में बिकने के लिए आने वाली कृषि जिंसों के रखने के लिए सुव्यवस्थित व्यवस्था नहीं होने के कारण हर रोज हजारों की संख्या में किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। हाड़ोती किसान यूनियन के प्रतिनिधि जगदीश कुमार ने संभाग के किसानों को कृषि उपज मंडी में खरीफ कि फसलों को वर्तमान में बेचने में आ रहे व्यवधान को समाप्त कराने के लिए राज्य के कृषि विपणन मंत्री मुरारी लाल मीणा को प्रेषित पत्र में यह बात कही। उन्हाेंने पत्र में बताया कि कोटा की भामाशाह कृषि उपज मंडी में गत एक नवम्बर से कृषि उपज (जिंस) को बेचने के लिए मंडी परिसर में सुव्यवस्थित रूप से स्थान उपलब्ध नहीं होने के कारण हजारों किसानों को लगातार तीन दिनों तक उपज बेचने के लिए रूकना पड़ रहा है जिससे किसानों को किराये पर लाए गये लोडिंग वाहनों ट्रेक्टर ट्राली का प्रति वाहन एक हजार रुपए से अधिक प्रति दिवस किराया देने के लिए विवश होना पड़ रहा है।

उन्होने आग्रह किया कि ऐसी स्थिति में कृषि उपज मंडी भामाशाह प्रशासन को अविलंब निर्देशित कर वाहनों की पार्किंग व्यवस्था के लिये मंडी परिसर कि दीवार को तोड़कर स्थान निर्धारित किया जाए जिससे मंडी परिसर में वाहनों की आवाजाही की सुविधा बन सकेगी। उन्होंने पत्र में यह भी अवगत कराया कि वर्तमान में किसानों को रबी की फसलों कि बुआई के लिए खाद-बीज कि खरीद के लिए फसल बेचने का दबाव बना हुआ है और समय पर फसल कि बुआई की जानी है क्नयोंकि ऎसा नही होने की हालत में उत्पादन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार ने कहा कि मंडी भामाशाह में स्थित परिसर वर्तमान में किसानों के उत्पादित माल में वृद्धि के कारण गत आठ से दस वर्षों से छोटा पड़ने लगा है क्योंकि मंडी कि विश्वसनीयता की वजह से राजस्थान से बाहर के मध्यप्रदेश आदि राज्यों के जिलों के किसान कोटा कृषि उपज मंडी में नकद भुगतान व्यवस्था के कारण कृषि उपज बेचने के लिए आकर्षित होते हैं।