जयपुर 23 फरवरी (वार्ता): पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर पाकिस्तान से वैध पासपोर्ट एवं वीजा पर भारत आए पाक जासूस और उसके दो सहयोगी पाकिस्तानी नागरिकों को जैसलमेर में भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भिजवाने के मामले में सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है।
मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट जयपुर महानगर प्रथम की अदालत ने इस मामले के आरोपी एवं पाकिस्तानी नागरिक नंदलाल उर्फ नंदू महाराज, गौरी शंकर एवं प्रेम चंद को दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई। इनमें अभियुक्त नंदलाल को विदेशी अधिनियम की धाराओं में दोषी पाए जाने पर दो वर्ष के कठोर कारावास एवं अभियुक्त गौरीशंकर एवं प्रेमचंद को धारा 10 में दोषी पाए जाने पर एक वर्ष का कठोर कारावास की सजा एवं दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस एस सेंगाथिर ने बताया कि पाकिस्तान के सांगड जिले में खिंपरो निवासी नंदलाल उर्फ नंदू महाराज वैध पासपोर्ट एवं वीजा पर जोधपुर आया था। आईएसआई के इशारे पर जैसलमेर पहुंच भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं एकत्रित कर पाकिस्तान भिजवा रहा था।
सेंगाथिर ने बताया कि सीआईडी इंटेलिजेंस की टीम ने 20 अगस्त 2016 को शासकीय गुप्त बात अधिनियम और विदेशी अधिनियम की धाराओं के तहत पाक जासूस नंदलाल को गिरफ्तार किया था। अनुसंधान के दौरान नंद लाल की जासूसी में मदद करने के आरोप में पाकिस्तान नागरिक भाइयों गौरीशंकर एवं प्रेम चंद को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि दोनों भाई भी पाकिस्तान के सांगड जिले में खिंपरो क्षेत्र के ही रहने वाले हैं। पाकिस्तान से लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत आने के बाद दोनों जोधपुर के हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र के हरिनगर और शंकर नगर में अलग-अलग मकान में रह रहे थे।
उन्होंने बताया कि अनुसंधान के बाद तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध 16 नवंबर 2016 को मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट जयपुर महानगर प्रथम के न्यायालय में सीआईडी इंटेलिजेंस द्वारा चार्जशीट पेश की गई थी।