मणिपुर मई महीने से हो रही जातिय हिंसा के कारण बहुत सी घटनाएं घटी हैं। इस बार भी मणिपुर में हिंसा की आग फिर से बढ़ गई है। पिछले 24 घंटों में मणिपुर में कई हिंसक घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं। बिष्णुपुर जिले में कल रात को मैतेई समुदाय के तीन लोगों की हत्या हो गई है। इन मृतकों में से कुछ कथित तौर पर क्वाक्टा इलाके के मैतेई समुदाय के लोग हैं। इसके साथ ही, कुकी समुदाय के कई घरों में आग लगाई गई है। पुलिस के मुताबिक, कुछ लोग बफर जोन से पार करके मैतेई इलाके में गए और वहां गोलियों की बारिश की।
मणिपुर राइफल्स के जवान की मौत भी हिंसा के पुनः फ्लेम बढ़ने का कारण बताई गई है। इसके साथ ही, बिष्णुपुर के कीरेनफाबी और थंगलावई में पुलिस स्टेशन पर हमला किया गया और वहां से हथियार और गोला-बारूद चुराए गए। इस घटना में 235 असॉल्ट राइफलें, 21 सब-मशीन गन, 16 पिस्तौल, 9,000 राउंड गोलियां और 124 हैंड-ग्रेनेड जैसे कई हथियार और गोला-बारूद लूटे गए।
3 अगस्त को हुई घटनाएं
वहीं दो अन्य लोगों को भी गोली लगने की खबर मिली है. 3 अगस्त को कुकी समूह, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने हिंसा मारे गए 35 पीड़ितों के शवों को सामूहिक रूप से दफनाने की घोषणा की थी जिसके बाद इलाके में तनाव बढ़ गया. वहीं 03 अगस्त को ही एक और घटना हुई, जिसमें बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों के बीच की सीम फौगाकचाओ इखाई में सैकड़ों लोग जमा हो गए. जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस छोड़े. बीते 24 घंटे में मणिपुर में अलग-अलग घटनाओं में 347 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
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