असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने फलस्तीन के समर्थन को लेकर कांग्रेस पर तीखा वार किया है, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रस्ताव पाकिस्तान और तालिबान के साथ समानता दिखाते हैं। वे कहते हैं कि कांग्रेस के प्रस्ताव में वही समानता है जो पाकिस्तान और तालिबान के साथ मिलती है। हिमंता बिस्वा सरमा ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने हमास की आलोचना नहीं की, इजराइल पर आतंकी हमलों की निंदा नहीं की, और महिलाओं और बच्चों को बंधन बनाए जाने पर भी चुप्पी साधकर रखी।
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कांग्रेस ने सोमवार को इजराइल और हमास के बीच संघर्ष में आम नागरिकों के मारे जाने पर दुख जताते हुए कहा कि वर्तमान संघर्ष को जन्म देने वाले अपरिहार्य मुद्दों सहित सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत शुरू करने की आवश्यकता है। भारत के मुख्य विपक्षी दल की कार्य समिति ने बैठक में पारित प्रस्ताव में तत्काल संघर्षविराम का आह्वान किया और कहा कि वह फलस्तीनी लोगों के जमीन, स्वशासन और आत्म-सम्मान के साथ जीने के अधिकारों के लिए अपने दीर्घकालिक समर्थन को दोहराती है।
कांग्रेस के स्टैंड को लेकर विभिन्न दलों की तरफ से आलोचना हो रही है, और यह मुद्दा राजनीतिक विवाद का एक हिस्सा बन चुका है। हिमंता बिस्वा सरमा के अनुसार, इसका देश और उसके नागरिकों के हित को तुष्टीकरण की राजनीति के तहत रखना कांग्रेस के डीएनए में है।
इस विवाद के बीच, भाजपा और कांग्रेस दोनों एक-दूसरे को इस मुद्दे पर आलोचना कर रहे हैं, जो एक जटिल राजनीतिक मांगलिकता का हिस्सा बन चुका है।
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