मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार की सराहना की है, कहते हुए कि यह देश के हित में है। वे इसके लिए बनाई गई समिति की अध्यक्षता में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की योगदान की सराहना करते हुए कहते हैं कि एक साथ चुनाव कराने से देश को बचत होगी।
देवेंद्र फडणवीस ने इस संदेश को जाहिर किया कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का पुर्नग्राम लागू किया जाए, तो चुनाव खर्च में भी कमी आ सकेगी। उन्होंने कहा, “सामान्य रूप से, आप देखेंगे कि पूरे 365 दिन (भारत के) किसी न किसी हिस्से में चुनाव होते रहते हैं। इससे व्यय में वृद्धि होती है।”
वे यह भी बताते हैं कि एक साथ चुनाव कराने से विभिन्न चुनावों के कारण होने वाले सुधार भी प्रभावित होंगे। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद इस बात की व्यवहार्यता का पता लगाएंगे कि देश में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कैसे कराए जा सकते हैं।
यह याद दिलाने वाला है कि भारत में 1967 तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते थे, लेकिन इसके बाद वे अलग-अलग अवधियों में आयोजित होने लगे थे।
चुनाव को स्थगित करने की एक साजिश?
इस बीच, ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की संभावनाओं के बारे में बातचीत करते समय, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने इसे देश में ‘चुनाव स्थगित करने की साजिश’ करार दिया। उन्होंने कहा, “हमें निष्पक्ष चुनाव की जरूरत है जो आजकल नहीं हो रहे हैं। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ दरअसल चुनाव को स्थगित करने की एक साजिश है।”
संजय राउत ने कहा कि जब रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति थे तब भाजपा उनका सम्मान नहीं करती थी, लेकिन अब वह एक समिति बनाकर ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की संभावना तलाशने के लिए उन्हें व्यस्त कर रही है।
इसके साथ ही, यह प्रस्ताव दिखाता है कि चुनाव प्रक्रिया में सुधार करने का प्रयास जारी है ताकि देश के नागरिकों को अधिक व्यावसायिक और सुविधाजनक चुनाव प्रक्रिया मिल सके। ये भी पढ़ें BJP के’मेरी माटी, मेरा देश’ अभियान की शुरुआत, अमित शाह बोले- आने वाला समय ‘अमृतकाल’ का है