हथकरघा और हस्तशिल्प की बाजार पहुंच और खरीद को सक्षम बनाने के उद्देश्य से ट्राइफेड के ट्राइब्स इंडिया स्टोर उत्पादों को एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) और भौगोलिक संकेत (जीआई) के साथ टैग किया गया है। ओडीओपी ने राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में ट्राइबल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राइफेड) द्वारा 27 फरवरी तक आयोजित आदि महोत्सव में ट्राइब्स इंडिया स्टोर में परस्पर व्याप्त जनजातीय उत्पादों का मानचित्रण और टैग किया है। वर्तमान में जारी आदि महोत्सव के दौरान मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में ओडीओपी और जीआई एक्स ट्राइफेड उत्पाद लॉन्च किया गया। इस अवसर पर डीपीआईआईटी की निदेशक सुप्रिया देवस्थली ने ओडीओपी और जीआई एक्स ट्राइफेड लॉन्च पर कहा कि ट्राइफेड के साथ यह सहयोग ओडीओपी के दायरे में आने वाले जनजातीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम है और देश में 100 से अधिक ट्राइब्स इंडिया के स्टोर वोकल फॉर लोकल तथा मेक फॉर द वर्ल्ड के लिए इस आंदोलन में शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि आदि महोत्सव जैसे मंच आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण हैं और ट्राइफेड के साथ सहयोग ओडीओपी द्वारा की जा रही पहलों के मूल्य को और बढ़ाएगा। ट्राइफेड के ट्राइब्स इंडिया रिटेल स्टोर पर देश के सभी हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले जनजातीय उत्पादों का विविध संग्रह उपलब्ध है। ओडीओपी और जीआई टैगिंग उत्पादों की एक श्रृंखला के लिए किया गया था, जिसमें कुल्लू, हिमाचल प्रदेश से कुल्लू शॉल, दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल से दार्जिलिंग चाय, जयपुर, राजस्थान से ब्लू पॉटरी, बीदर, कर्नाटक से बिदरीवेयर, पुरी, ओडिशा से पट्टाचित्र पेंटिंग धार, मध्य प्रदेश से बाग प्रिंट, वायनाड, केरल से कॉफी, कोंडागांव, छत्तीसगढ़ से बस्तर शिल्प और बलरामपुर, छत्तीसगढ़ से चावल-जीराफूल शामिल हैं। टैगिंग का उद्देश्य भारत के विभिन्न जिलों का प्रतिनिधित्व करने वाले उत्पादों के स्रोतों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। ओडीओपी की योजना अन्य ऐसे स्टोर और एम्पोरियम को शामिल करके इस अभियान को आगे बढ़ाने की है, जो ओडीओपी के तहत उत्पादों के साथ परस्पर व्याप्त हैं, ताकि कारीगरों और बुनकर समूहों के मनोबल को बढ़ाया जा सके और उन्हें अपने शिल्प को प्रदर्शित करने और इसे सबसे आगे लाने के लिए एक बड़ा मंच प्रदान किया जा सके।