राजस्थान के कोटा शहर कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध है. यहां लाखों छात्र नीट और जेईई की तैयारी के लिए आते है. लेकिन अब यह कोचिंग पढाई के लिए नहीं बल्कि आत्महत्या करने के लिए प्रसिद्ध हो गया है. यहां छात्र-छात्राओं की आत्महत्या का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इस सप्ताह के आखिरी दिनों में रविवार को फिर से दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली।
पहले एक छात्र ने रविवार को दोपहर में कोचिंग संस्थान की छठी मंजिल से खुदकुशी कर ली। उसके बाद दूसरे छात्र ने अपने हास्टल के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। इसके परेंटल विद्यार्थी के आत्महत्या के पीछे के कारणों की जांच कर रही है। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य में समस्याएँ थीं और वे कुछ दिनों से डिप्रेशन में थे।
इस साल में अब तक कोटा में कुल 23 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या कर ली है, जिसमें सिर्फ अगस्त महीने में ही 7 मामले शामिल हैं।
नीट के छात्र ने की आत्महत्या
महाराष्ट्र के लातूर जिले के एक 16 वर्षीय छात्र की मौत भी इस खतरनाक सिलसिले का हिस्सा बन गई। मृतक विद्यार्थी का नाम संभाजी कासले था, जो कोटा में नीट की तैयारी कर रहा था। उसने पिछले दो सालों से कोटा में रहकर तैयारी की थी।
रविवार को, उसने कोचिंग संस्थान में टेस्ट देने के बाद छठी मंजिल से खुदकुशी कर ली। पुलिस के अनुसार, उसने कमरे से बाहर आकर आत्महत्या का प्रयास किया और करीब 70 फीट की ऊंचाई से कूद गया। उसे तुरंत हॉस्पिटल में लाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसकी मौके पर ही मौत घोषित कर दी।
आत्महत्या के कारणों की जांच जारी
पुलिस अभी इन आत्महत्याओं के पीछे के कारणों की जांच कर रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार विद्यार्थी कुछ दिनों से मानसिक तनाव में था। वह डिप्रेशन से गुजर रहा था जिसके कारण उसने ऐसा कदम उठाया।
दूसरे मामले में, रोहतास जिले के एक 17 वर्षीय छात्र ने अपने हास्टल के कमरे में पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसके परिवारवालों को सूचना दी गई है और पोस्टमार्टम के लिए शव भेजा गया है।
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