भारत में आधार कार्ड को किसी व्यक्ति का आधिकारिक पहचान पत्र माना जाता है। चाहे आप ट्रेन में सफर कर रहे हों या फिर आपको कोई अन्य सरकारी काम करवाने हो, आपको दस्तावेज के रूप में आधार कार्ड देना होता है। इतना ही नहीं, अब निजी कार्यों में भी आधार कार्ड का प्रयोग बढ़ गया है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) आधार कार्ड के जरिए नागरिकों को सत्यापन के लिए 12 अंकों की एक पहचान संख्या प्रदान करता है। जिसका उपयोग लोगों की पहचान के लिए किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता हैं कि आधार कार्ड चार तरह के होते हैं? यानी आप चार तरीकों से अपना आधार कार्ड बनवाया जा सकता हैं।
- आधार कार्ड: यह आधार कार्ड होता है, जिसमें 12 अंकों की आधार संख्या, धारक का नाम, पिता/पति का नाम, जन्म तिथि, लिंग, पता, फोटो, बायोमेट्रिक डेटा (उंगलियों की छाप और आंख की स्कैन) आदि जानकारी होती है। यह कार्ड आधार की प्रमुख पहचान होता है और नागरिकता प्रमाण के रूप में उपयोग होता है।
- आधार लेटर: यह एक पेपर बेस्ड लैमिनेटेड लेटर होता है, जिसमें आधार कार्ड की जारी करने की तारीख, प्रिंट डेट, और एक कोड होता है। यदि आपका आधार कार्ड खो जाता है, तो आप नया आधार लेटर ऑनलाइन अपने पते पर प्राप्त कर सकते हैं।
- आधार PVC कार्ड: यह पीवीसी मैटेरियल से बना होता है और आधार कार्ड की प्रमुख जानकारी और फोटो शामिल होते हैं। आधार PVC कार्ड को वेबसाइट के माध्यम से वर्चुअल आईडी और नामांकन के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
- ई-आधार: यह आधार कार्ड का डिजिटल रूप होता है, जिसे आप आधार की आधिकारिक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें आधार संख्या, नाम, फोटो, और एक डिजिटल हस्ताक्षर होता है, और ऑफलाइन सत्यापन के लिए एक कोड भी होता है।
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