नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया है, लेकिन इसके साथ ही यह विवाद भी बढ़ गया है। पूर्व मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता उमा भारती ने इसे “OBC आरक्षण के बिना अधूरा” बताया है और इस पर अपने विचार रखे हैं।
उमा भारती ने कहा कि इस बिल में OBC महिलाओं के लिए कोई प्रावधान नहीं होने के कारण, यह बिल अधूरा है। उन्होंने बताया कि यह बिल पहले 1996 में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा द्वारा पेश किया गया था, जिस समय वह भी उनके साथ थीं।
उमा भारती ने कहा कि उस समय सदन में दो धाराओं में बट गया था, लेकिन फिर भी इस बिल में OBC महिलाओं के लिए कोई प्रावधान नहीं था। उन्होंने यह भी बताया कि पिछड़ा वर्ग वाले लोगों को इस बिल के प्रावधान के अभाव में हिन्दू विरोधी ताकतों के खिलाफ खड़ा होना पड़ रहा है।
उमा भारती ने बीजेपी नेता के रूप में इस बिल को ओबीसी के लिए 50 फीसदी की आरक्षण के साथ पूरा करने की मांग की है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसकी अपील की है। वह चाहती हैं कि वे देश में इसके लिए माहौल बनाएं और इसे सकारात्मकता के साथ पूरा करें।
केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल को लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण लाने के लिए पेश किया है और यह बिल पारित होने के बाद सीटों की आरक्षण की प्रक्रिया को शुरू करेगा। इस अधिनियम के तहत यह आरक्षण 15 साल तक बना रहेगा।
ये भी पढ़ें गणेश चतुर्थी 2023: गणेश जी के पसंदीदा खाद्य पदार्थ जिन्हें आप अर्पित कर सकते हैं