Unseasonal rain, मथुरा 21 मार्च (वार्ता) : उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में तेज हवा के साथ दो दिन हुई बेमौसम की बरसात ने किसानों की कमर तोड़ दी है। रही सही कसर ओलों की बरसात ने पूरी कर दी है। आसमान जिस प्रकार से बादलों से आच्छादित है उससे पुनः बारिश होने की भी आशंका है। जल्दी बोने से तैयार किसानों की कटी हुई गेहूं की फसल जहां जलमग्न हो गई है वहीं तैयार हो रही गेहूं और सरसो की फसल गिर गई है और उस पर पानी भर गया है।छाता, सोंख, बल्देव, नौहझील, मांट, चौमुहा, शेरगढ़, टैंटीगांव, बाजना, कोसी एवं राधाकुण्ड में गेहूं की फसल को 40 प्रतिशत, सरसो की फसल को 20 प्रतिशत तथा आलू समेत अन्य फसलों को 15 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हुआ है। उप निदेशक कृषि राम कुमार माथुर ने यह स्वीकार किया कि छाता तहसील में गेहू, सरसो समेत अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है क्योंकि इस क्षेत्र में ओला वृष्टि भी हुई है।
Unseasonal rain
एक अनुमान के अनुसार औसतन गेहूं की फसल को 30 प्रतिशत तथा अन्य फसलों को दस से 15 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि वे प्रयास करके खेतों में भरे पानी को जल्दी निकालने की व्यवस्था करें। उनका कहना था कि ऐसा करने पर खेत में गिरी फसल दुबारा खड़ी हो सकती है। उन्होंने जलमग्न हुई कटी फसल को किसी ऊंचे स्थान पर रखने की सलाह दी है। उन्होंने किसानों को निकट की तहसील/ब्लाक/उप जिलाधिकारी/ एसडीओ/ किसी भी सरकारी कार्यालय में अपने नुकसान की सूचना 72 घंटे मे देने की सलाह दी है। उनका कहना था कि वे टोल फ्री नम्बर से भी नुकसान की सूचना दे सकते हैं। उधर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व योगानन्द पाण्डे ने बताया कि बारिश के कारण किसानों की फसल को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए टीमों को भेजा जा चुका है
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