US के पास हो गई हथियारों की कमी? यूक्रेन की सप्लाई रोकी, बीच युद्ध में दिया झटका

US के पास हो गई हथियारों की कमी? यूक्रेन की सप्लाई रोकी, बीच युद्ध में दिया झटका
US के पास हो गई हथियारों की कमी? यूक्रेन की सप्लाई रोकी, बीच युद्ध में दिया झटका
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने यह विवरण नहीं दिया कि कौन से विशिष्ट हथियारों की आपूर्ति रोकी गई है। मंत्रालय के प्रवक्ता सीन पार्नेल ने कहा, 'अमेरिका की सेना पहले कभी इतनी तैयार और सक्षम नहीं रही।' यह रोक यूक्रेन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

अमेरिका ने अपने हथियारों के भंडार में कमी होने का हवाला देते हुए यूक्रेन को भेजे जाने वाले कुछ हथियारों की खेप की आपूर्ति रोक दी है। अमेरिकी अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अमेरिका का हथियारों की आपूर्ति रोकना यूक्रेन के लिए एक झटका है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्व वाले प्रशासन ने यूक्रेन को कुछ हथियार देने का वादा किया था ताकि वह रूस के खिलाफ जारी युद्ध में अपनी सुरक्षा कर सके।

हथियारों की आपूर्ति पर यह रोक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की नई प्राथमिकताओं को दर्शाती है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा अमेरिका के हथियार भंडार की समीक्षा किए जाने और इसमें कमी को लेकर चिंता जताए जाने के बाद यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति रोकी गई है।

अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ की प्रवक्ता एना केली ने एक बयान में कहा, ‘हमारे देश के सैन्य सहयोग और दुनिया भर के अन्य देशों को दी जाने वाली सहायता की समीक्षा के बाद अमेरिका के हितों को सर्वोपरि रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है।’

केली ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर मिसाइल हमले का ट्रंप द्वारा हाल में आदेश दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘अमेरिका की सशस्त्र सेनाओं की ताकत पर कोई सवाल नहीं उठा सकता- ईरान से पूछिए।’ अधिकारी ने कहा कि पेंटागन (अमेरिकी रक्षा मंत्रालय) के पास कुछ हथियारों का भंडार कम पाया गया है।

रक्षा मंत्रालय ने यह विवरण नहीं दिया कि कौन से विशिष्ट हथियारों की आपूर्ति रोकी गई है। मंत्रालय के प्रवक्ता सीन पार्नेल ने कहा, ‘अमेरिका की सेना पहले कभी इतनी तैयार और सक्षम नहीं रही।’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के माध्यम से पारित होने वाला प्रमुख कर कटौती और व्यय पैकेज ‘यह सुनिश्चित करता है कि हमारे हथियारों एवं रक्षा प्रणालियों का आधुनिकीकरण किया जाए ताकि वे 21वीं सदी के खतरों से आगामी पीढ़ियों की सुरक्षा कर सकें।’