जिले में घटना ने एक बार फिर सबकों शर्मसार कर दिया है। जिले के असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा गांव में बुधवार रात तीन नाबालिग दलित लड़कियां खेत में दुपट्टे से बंधी पड़ी मिलीं। जिसमें से दो की मौत हो चुकी है, जबकि एक जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है।
अखबारों में छपी खबर के आधार पर मानव अधिकार आयोग ने एसपी उन्नाव को दो सप्ताह में जांच कर आख्या आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने का दिया निर्देश।आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति श्री केपी सिंह ने एसपी उन्नाव को दिया आदेश।आयोग ने इस प्रकरण को मानव अधिकार हनन का प्रत्यक्ष उदाहरण करार दिया है। खेत में दुपट्टे से बंधी मिलीं तीन नाबालिग दलित लड़कियों में से दो की मौत का मामला।
वेंटीलेटर पर किशोरी की हालत स्थिर-रीजेंसी हॉस्पिटल
बुधवार को असोहा के खेत में तीन दलित नाबालिग लड़कियां संदिग्ध हालत में मिली थीं, जिसमें दो की मौत हो गई है, जबकि एक का इलाज कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में चल रहा है | भीम आर्मी से लेकर कांग्रेस तक.. सभी ने लड़की को दिल्ली एयरलिफ्ट करने की मांग की है |
जिस हालत में लाई गई थी किशोरी उसी हालत में अब भी-
जिस हालत में लाई गई थी किशोरी उसी हालत में अब भी। शरीर में किसी भी अंग पर नहीं मिले चोट के निशान नहीं मिले | पुलिस ने प्रथम दृष्ट्या में जहरीला पदार्थ खाने से हालत बिगड़ने की आशंका जताई है। फिलहाल पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों के बयान दर्ज किए हैं और मामले की गहराई से जांच में जुट गई है। डॉ रश्मि कपूर समेत 6 डॉक्टरों की निगरानी में पीआईसीयू में इलाज जारी।
पुलिस की 6 टीमों का गठन किया गया-
दो नाबालिग दलित लड़कियां की मौत की जांच के लिए पुलिस की 6 टीमों का गठन किया गया है। खनऊ आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में इसे केस की जांच पड़ताल चल रही है। आईजी का दावा है कि जल्द ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा। आईजी ने कहा कि अभी इस मामले में कुछ की कहा नहीं जा सकता है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर का हुआ खुलासा-
उन्नाव में नाबालिग बुआ-भतीजी की शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है | पोस्टमार्टम में ज़हरीला पदार्थ मिलने की पुष्टि हुई है | पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, शरीर में ज़हरीला पदार्थ की मौजूदगी मिली है | हालांकि, अभी कहना मुश्किल कि आख़िर ये ज़हरीला पदार्थ किस प्रकार का है | इस बीच कानपुर के एक में भर्ती एक और भतीजी की हालत अभी भी नाजुक है |
परिवार के लोगों के बयान में विरोधाभास-
परिवार के लोगों के बयान में विरोधाभास है, इसलिए पुलिस इस लिहाज़ से भी देख रही है कि क्या अलग-अलग वक्त पर लोगों के पहुंचने की वजह से बयानों में चेंज है या फिर परिवारवाले कहीं शामिल है | पुलिस ने पूरे खेत को घेर दिया है | फ़ॉरेंसिक की टीम सबूत जुटाकर ले गई है, जिससे की घटना के बारे में पता चल सके |