हल्द्वानी तहसील में अफसरों की मनमानी और कामकाज में लापरवाही की पोल कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के औचक निरीक्षण के दौरान खुल गई। निरीक्षण में सामने आया कि कानूनगो असरफ अली घर से ही तहसील का काम चला रहा था।
घर से बरामद हुईं सरकारी फाइलें
निरीक्षण के दौरान असरफ अली ने खुद स्वीकार किया कि उसने धारा-143 से जुड़ी कई फाइलें और मूल रजिस्टर घर में रखे हुए हैं। इसके बाद कमिश्नर उनकी बरेली रोड स्थित आवास पर पहुंचे, जहां दस्तावेजों का ढेर मिला। जांच में पता चला कि इन फाइलों पर मौके का निरीक्षण भी नहीं किया गया और जानबूझकर वर्षों से लंबित रखा गया।
पहले भी पकड़ा गया था रिश्वत लेते
गौरतलब है कि असरफ अली वर्ष 2022 में सितारगंज में लेखपाल रहते हुए 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया था और उसे जेल भी भेजा गया था। अब घर से तहसील चलाने की नई करतूत सामने आई है।
कमिश्नर की सख्त नाराजगी
निरीक्षण में पता चला कि कर्मचारी 143 मामलों की सही जानकारी तक नहीं दे पा रहे थे।
कई फाइलों में तारीख और जरूरी विवरण तक दर्ज नहीं था।
पांच साल से लंबित मामलों को तीन महीने में निपटाने के निर्देश दिए गए।
अधिकारियों को “अग्रिम कार्रवाई” जैसे शब्द लिखना बंद करने और स्पष्ट रिपोर्ट देने को कहा गया।
तहसील का हाल
जनवरी 2025 से अब तक तहसील में 7000 प्रकरण दर्ज, जिनमें से 1044 अब भी लंबित।
3.45 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी, जबकि 4.99 करोड़ शेष।
परिसर की सफाई, शौचालय, पार्किंग और सुरक्षा प्रबंध की समीक्षा भी की गई।
बकायेदारों के नाम अब गेट पर
कमिश्नर ने निर्देश दिया कि बड़े बकायेदारों के नाम केवल सूचना पट पर न लिखे जाएं, बल्कि मुख्य गेट पर बड़े बोर्ड पर चस्पा किए जाएं ताकि आम जनता को जानकारी हो सके।
कमिश्नर दीपक रावत का बयान
“तहसील और सब-रजिस्ट्रार कार्यालय जनता से सीधे जुड़े हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर समय-समय पर इनकी जांच की जा रही है। निरीक्षण में धारा-143 की फाइलों में गंभीर खामियां मिलीं। कानूनगो के घर पर दस्तावेज पाए गए, जिसे लापरवाही मानते हुए डीएम को जांच के निर्देश दिए गए हैं।”