-अक्षत सरोत्री
उत्तराखंड के चमोली में हुई त्रासदी (Uttarakhand tragedy) से क्षेत्र का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस समय वहां की स्थिति यह है कि बचाव कार्य में तेजी लाई जा रही है। सरकार और प्रशासन लगातार बचाव कार्यों पर अपनी नजर बनाए हुए है। अभी भी 200 से ज्यादा लोग इस त्रासदी की वजह से लापता हैं। अब जानकारी मिल रही है कि यह पता चल चुका है कि आखिर क्या कारण था इस हादसे का। जानकारी के अनुसार चमोली में तबाही ऋषिगंगा कैचमेंट एरिया में हुए हिमस्खलन की वजह से मची है।
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान ने निकाला यह निष्कर्ष
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों ने सेटेलाइट (Uttarakhand tragedy) डाटा के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। विशेषज्ञों के अनुसार इस क्षेत्र में हाल में गिरी बर्फ एक चोटी के हिस्से के साथ खिसक गई जिसने बड़े हिस्खलन का रूप ले लिया। इस वजह से लाखों मीट्रिक टन बर्फ और पहाड़ी का हिस्सा भरभराकर नीचे गिर गया जिसने ऋषिगंगा में बाढ़ की हालत पैदा कर दिए।
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दी यह जानकारी
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार (Uttarakhand tragedy) को जानकारी देते हुए बताया कि ऋषिगंगा में आई बाढ़ हिमस्खलन की वजह से आई थी। उन्होंने कहा इसरो के निदेशक ने सेटेलाइज इमेज के आधार पर जानकारी दी है कि ऋषिगंगा कैचमेंट एरिया में रविवार को ग्लेशियर नहीं टूटा। बल्कि हाल में हुई बर्फबारी में जमी कच्ची बर्फ एक पहाड़ी की चोटी के साथ खिसक गई।
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अभी तक की स्थिति जो सामने आई है
चिंता की बात है कि बता दें कि हादसे से अभी तक 18 शव निकाले जा चुके हैं, जबकि 202 लोग अभी भी लापता हैं। डेढ़ दिन बाद भी सुरंग में 30 से 35 श्रमिकों के फंसे हैं। सेना,आईटीबीपी, एनडीआरएफ,एसडीआरएफ के जवान राहत व बचाव कार्य को करने में कोई कमी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लेकिन, सुरंग में गाद की वजह से से उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने (Uttarakhand tragedy) का प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो बहादुर जवानों द्वारा रात को भी राहत व बचाव कार्य को अंजाम दिया जाएगा।