पश्चिम बंगाल के बैरकपुर में पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं की सोमवार को झड़प हो गई। कार्यकर्ता पुलिस आयुक्तालय की ओर मार्च कर रहे थे। उनका आरोप है कि इलाके में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मार्च में पांच से ज्यादा प्रदर्शनकारी शामिल थे। उन्होंने ‘भारत माता की जय’ और ‘ममता बनर्जी हाय-हाय ‘के नारे लगाए। इसके बाद चिरिया मोड़-बीटी रोड चौराहे पर दो पुलिस अवरोधकों (बैरीकेड) को तोड़े। फिर पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल करना पड़ा। इसके बाद वे तीसरे बैरीकेड तक नहीं पहुंच सके।
अधिकारियों ने बताया कि तनाव बढ़ने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस को व्यवस्था बहाल करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। वहीं, भाजपा ने आरोप लगाया कि पुलिस की आक्रामकता के कारण पार्टी के कई कार्यकर्ता घायल हुए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने कानून के तहत कार्रवाई की है और उसका मकसद स्थिति को नियंत्रण में करना था।
इस मार्च का नेतृत्व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया। कई महिला कार्यकर्ताओं पर शारीरिक हमले किए।
मजूमदार ने कहा, पश्चिम बंगाल पुलिस उस भगोड़े टीएमसी नेता को पकड़ने में विफल रहती है, जो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमला करता है और बाद में गिरफ्तारी से बच जाता है। लेकिन, वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल महिला भाजपा सदस्यों पर हमला कर दुस्साहस करती है, जिससे उन्हें गंभीर चोट आती है।उन्होंने आगे कहा, सभी घायलों के लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है। राज्य में ममता बनर्जी के शासन के तहत लोकतंत्र खतरे में है।
घटना स्थल पर मौजूद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, आप सभी (मीडिया) आज की घटना के गवाह हैं। पुलिस ने संयम बरता और स्थिति खराब होने पर ही जरूरी कार्रवाई की। हालांकि, किसी भी शिकायत की पूरी तरह से जांच की जाएगी। उचित उपाय किए जाएंगे। पुलिस के एक प्रवक्ता के मुताबिक, झड़प दोपहर करीब सवा तीन बजे हुई। जिसके चलते बीटी रोड पर एक घंटे तक यातायात बाधित रहा। कई भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है और वाहनों में ले जाया गया है।
भाजपा ने बैरकपुर के औद्योगिक क्षेत्र में हत्या की कई घटनाओं व आपराधिक गतिविधियों को रोकने में पुलिस के नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए मार्च का आयोजन किया था। वहीं, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के महासचिव ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए संयम बरतने के लिए पुलिस की सराहना की।