नए संसद भवन के पहले दिन में हुई कार्यवाही में महिला आरक्षण बिल को लेकर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में महिला आरक्षण बिल की पुरजोर वकालत की। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए इस बिल को महत्वपूर्ण माना और उन्होंने इसके पास होने की मांग की। प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को लोकसभा में पेश किया। इस बिल के तहत लोकसभा की 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। विधानसभा की 33% सीटें भी महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, जैसे कि दिल्ली विधानसभा की 33% सीटें महिलाओं के लिए होंगी।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश करते हुए कहा कि इस बिल को दोनों सदनों से पारित किए जाने और कानून बनने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी। वर्तमान में लोकसभा में 82 महिला सांसद हैं। इस बिल के पास होने से निचले सदन और राज्य के विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित हो जाएगी, जो कि महिलाओं के सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के एक महत्वपूर्ण कदम की ओर प्रगति होगी। इस बिल के तहत लोकसभा की 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, जो एक सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक हो सकता है और महिलाओं को राजनीतिक मैदान में अधिक प्रतिनिधित्व दिलाने में मदद कर सकता है।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल को पास करने के बाद विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले विपक्ष ने इस बिल को जानबूझकर पास नहीं किया गया। इस बिल के तहत महिला आरक्षण की अवधि 15 साल की होगी।
कानून बनने के बाद क्या होगा बदलाव
- लोकसभा में महिलाओं की संख्या: लोकसभा में महिलाओं की संख्या 181 हो जाएगी, जिससे महिलाओं का अधिक प्रतिनिधित्व होगा।
- महिला आरक्षण की अवधि: महिला आरक्षण की अवधि 15 साल की होगी, जिससे लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की स्थायितता बनी रहेगी।
- SC/ST के लिए सीटों का आरक्षण: SC और ST जातियों के लिए तय सीटों में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, जिससे इन समुदायों की महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि होगी।
- भारतीय राजनीति में महिलाओं की एंट्री: इस बिल के पास होने से भारतीय राजनीति में बड़ी तादाद में महिलाओं की एंट्री हो सकती है, जो कि एक समृद्धि की ओर कदम बढ़ा सकता है।
SC/ST महिलाओं के लिए तय सीटों में 33 फीसदी सीटें आरक्षित
महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, सीटों के आरक्षण को लेकर भारतीय सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। नवाचारपूर्ण कदम के रूप में, एक नया आरक्षण बिल लोकसभा में पेश किया गया है, जिसके तहत SC/ST के लिए तय सीटों में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
इस बिल का नाम ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ है और इसके माध्यम से महिलाओं को राजनीतिक प्रतिनिधित्व में बढ़ोतरी मिलेगी। नई व्यवस्था के अनुसार, SC/ST के लिए आरक्षित सीटों के तहत से 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
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