Woman chairperson, भोपाल, 21 मार्च (वार्ता) : मध्यप्रदेश विधानसभा में आज अध्यक्ष गिरीश गौतम की पहल पर प्रश्नकाल के दौरान अध्यक्ष की आसंदी पर महिला सभापति कृष्णा गौर विराजमान हुयीं और उन्होंने ही सदन का संचालन किया। सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही गौतम ने कहा कि आठ मार्च को महिला दिवस के अवसर पर अवकाश था। इसलिए वे चाहते हैं कि आज प्रश्नकाल के दौरान मुख्य रूप से महिला विधायकों के ही सवाल लिए जाएं और सदन का संचालन भी कोई महिला ही करे।
Woman chairperson
उन्होंने गौर का नाम सभापति के रूप में लिया और इसके बाद उन्होंने ही प्रश्नकाल के दौरान सदन का संचालन किया। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह एक बेहतर परंपरा है। इस बीच कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कथित महिला अत्याचारों संबंधी टिप्पणी भी कर दी, जिससे कुछ देर के लिए आरोप प्रत्यारोप के दौर चलें। हालाकि कुछ ही देर में कार्यवाही आगे बढ़ गयी और फिर प्रश्नकाल संपन्न हुआ। प्रश्नकाल में ही उस समय सरकार कठघरे में नजर आयी, जब सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक उमाकांत शर्मा ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित अपने सिरोंज व लटेरी क्षेत्र में निर्माणाधीन सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए अनेक आरोप लगाते हुए सवाल दाग दिए शर्मा ने सिरोंज लटेरी क्षेत्र में पिछले समय बनीं सभी सड़कों की गुणवत्ता की जांच कराने की मांग की। मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने आश्वासन दिया कि इन सड़कों की गुणवत्ता की जांच छह माह में करायी जाएगी। इसके बाद भी सदस्य जांच की अवधि की बात से संतुष्ट नजर नहीं आए और वे यह भी कहते हुए सुने गए कि छह माह बाद क्या मालूम क्या होगा। प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में कांग्रेस सदस्य बाला बच्चन ने राज्य में किसी क्षेत्र का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि एक लड़की के साथ गेंगरेप हुआ है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि जनजातीय महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही आधा दर्जन से अधिक विधायक अध्यक्ष के आसन के पास पहुंचकर एक साथ बोलने लगे। इनमें मुख्य रूप से वे विपक्षी विधायक शामिल थे, जनजातीय समुदाय से आते हैं। इसके साथ ही ये विधायक सदन से बाहर चले गए। शेष कांग्रेस विधायक सदन में बैठे रहे। इस बात को लेकर सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के सदस्यों के बीच टीका टिप्पणियां हुयीं। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि यह ”वॉकआउट” जैसा नहीं था। जिनको जाना था, वो चले गए। इसके तत्काल बाद लोक निर्माण विभाग मंत्री गाेपाल भार्गव ने टिप्पणी की कि वे ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि हर जन्म में उन्हें ऐसा ही विपक्ष मिले। इसके बाद सदन में आगे की कार्यवाही प्रारंभ हो गयी। इसके तहत ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए सदस्यों ने सवाल किए।
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