MHA: J&K पुनर्गठन संशोधन अधिनियम और आरक्षण संशोधन अधिनियम के प्रावधान लागू, गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) अधिनियम, 2023 और जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के प्रावधान मंगलवार से लागू हो गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने इसको लेकर अधिसूचना जारी की है। हाल में समाप्त हुए संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों विधेयकों को मंजूरी दी गई थी।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन), अधिनियम 2023 के प्रावधानों के लागू होने के बाद राज्य की विधानसभा में सीटों की संख्या बढ़ कर 114 हो जाएगी। विधानसभा में पहली बार विस्थापित कश्मीरी पंडितों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लिए क्रमश: दो और एक सीटें आरक्षित होंगी। इन्हें उपराज्यपाल नामित करेंगे। नामित करने के दौरान महिला वर्ग से एक प्रतिनिधि सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा। अनुसूचित जनजाति के लिए नौ सीटें आरक्षित की गई हैं, जबकि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 6 से बढ़ा कर 7 कर दी है।
जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 में क्या बदलाव
वहीं, आरक्षण अधिनियम के जरिए राज्य की आरक्षण नीति में व्यापक बदलाव किया गया है। आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत देश के दूसरे राज्यों की तरह ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी ओबीसी, एससी, एसटी और सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण की व्यवस्था की गई है। खास बात यह है कि मुस्लिम गुर्जरों के विरोध को सिरे से नकारते हुए पहाड़ी समुदाय से जुड़ी कई जातियों को भी एसटी का दर्जा दिया गया है। सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग में दोनों केंद्रशासित प्रदेशों के पिछड़े घोषित किए गए गांवों, वास्तविक नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शामिल किया गया है।