न्यूटाउन, 5 सितंबर 2023: जी-20 डिनर के निमंत्रण में जब भारतीय राष्ट्रपति के नाम की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ का उपयोग किया गया, तो कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस पर आलोचना की है और केंद्र सरकार को निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस परिवर्तन के पीछे डर है और यह विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के बनने के बाद हुआ है।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “अरब देश और ईरानिया लोग हिंदू कहते थे, और उनकी जबान पर हिंदूस नहीं आता था। हिंदूस का मतलब सिंधू नदी के पास के इलाके को हिंदुस्तान कहा जाता था। इतिहास को गौर से देखेंगे तो हिंदू नाम विदेशी देशों ने दिया है।”
उन्होंने इसके आगे कहा, “रिपब्लिक ऑफ भारत कहने की क्या जरूरत है? यह नाम तो अंग्रेजी भाषा है। आधा अंग्रेजी और आधा भारतीय बोलने पर इन्हें क्यों लगता है कि अच्छा हो गया? मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी इंडिया नाम से डरे हुए हैं।”
इस बारे में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के बारे में बताते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “जब से यह गठबंधन बना है, तब से ही पीएम मोदी की नफरत बढ़ती गई है। इसी कारण ही वो ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिद्दीन की बात करने लगे।”
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “इन लोगों (केंद्र सरकार) को ब्रिटिश लोगों से इतनी ही नफरत है तो पहले राष्ट्रपति भवन को त्यागना चाहिए क्योंकि ये वायसराय हाउस था। इंडिया नाम से इतनी नफरत है तो नॉर्थ ब्लाक और साउथ ब्लाक खाली करा दो। जरूरत पड़े तो इसपर गोला दागो और उड़ा दो।”
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, जेडीयू, और शरद पवार की एनसीपी सहित कई दल शामिल हैं।
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