पिछले कुछ कारोबारी सत्र से डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी देखी जा रही है। अब रिजर्व बैंक (RBI) अपनी करेंसी को सपोर्ट देने के लिए कदम उठा रहा है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आरबीआई रुपये पर दबाव को कम करने के लिए अमेरिकी डॉलर बेच रहा है। इसका रुपये पर कुछ असर भी दिख रहा है। शुक्रवार के कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबला रुपया 83.48 के स्तर पर खुला, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह 83.50 के स्तर पर बंद हुआ था। इसका मतलब कि पिछले कारोबारी सत्र की तुलना में इसमें कोई खास बदलाव नहीं हुआ और यह तकरीबन जस का तस ही खुला।
क्यों दबाव में आया रुपया?
पिछले कुछ समय से भारत के इक्विटी मार्केट में लगातार बिकवाली हो रही है। विदेशी निवेशक कम वोटिंग जैसी चिंताओं के चलते निकासी कर रहे हैं। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशक का जोर खरीदारी पर ही है। फिर भी इक्विटी मार्केट में अस्थिरता काफी बढ़ गई है। वहीं, लोकल इंपोर्टर्स की ओर से डॉलर की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। इन सबके चलते रुपये पर काफी दबाव था और वह लगातार हो रहा था। यही वजह है कि रिजर्व बैंक को डॉलर बेचने जैसा एहतियाती कदम उठाना पड़ा। रॉयटर्स ने एक प्राइवेट बैंक के फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडर के हवाले से बताया, ‘आरबीआई शायद सरकारी बैंकों के माध्यम से 83.50 के स्तर के करीब डॉलर बेच रहा है। केंद्रीय बैंक जिस आक्रामक तरीके से रुपये का बचाव कर रहा है, उससे नहीं लगता कि निकट अवधि में रुपये में कोई बड़ी गिरावट आने वाली है।’