अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी शुभ होती है, लेकिन अभी हर रोज सोने की खरीदारी निवेशकों के लिए शुभ साबित हो सकती है। क्योंकि अक्षय तृतीया से एक दिन पहले जिन्होंने सोने की खरीदारी की थी, उन्हें 1500 रुपए प्रति 10 ग्राम का फायदा मिल गया। शुक्रवार को अक्षय तृतीया पर दिल्ली के सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोने का भाव प्रति 10 ग्राम 75,150 रुपए रहा जबकि गत गुरुवार को सोने का भाव 73,680 रुपए प्रति 10 ग्राम था। पिछले साल अक्षय तृतीया को जिन्होंने सोने की खरीदारी की थी, वे 20 प्रतिशत का मुनाफा कमा चुके हैं। पिछले साल 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त था और इस दिन दिल्ली के सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोने का भाव 62,000 रुपए प्रति 10 ग्राम था।
पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुख्य अर्थशास्त्री एस.पी. शर्मा कहते हैं कि अभी सोने में बढ़ोतरी का रुख जारी रहेगा। क्योंकि अमेरिका का रिजर्व बैंक ब्याज दर कम करने वाला है जिससे डॉलर कमजोर होगा और सोने के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। वहीं, सोना विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता है और वैश्विक भू-राजनीतिक स्थितियों से पिछले कुछ सालों से करेंसी में उतार-चढ़ाव हो रहा है। ऐसे में अपनी करेंसी के मूल्य को बचाने के लिए विभिन्न देशों के सेंट्रल बैंक सोने की खरीदारी कर रहे हैं। एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 में दुनिया के प्रमुख देशों के सेंट्रल बैंकों ने 1037 टन सोने की खरीदारी की है और यह रुख जारी है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक इस साल जनवरी-मार्च में दुनिया के सेंट्रल बैंकों ने 290 टन सोने की खरीदारी की। दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि गोल्ड बॉन्ड इटीएफ (एक्सचेंड ट्रेडेड फंड) के माध्यम से सोने की डिजिटल खरीदारी लगातार बढ़ रही है।
टैक्स एक्सपर्ट विवेक जालान कहते हैं कि कमोबेश मध्यम वर्ग के पोर्टफोलियो में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी सोने की होती है और यह बढ़ रही है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के रिजनल सीईओ सचिन जैन के मुताबिक अक्षय तृतीया जैसे शुभ मौके पर भारतीय अब ज्वैलरी, सोने के सिक्के, बार (छड़) के साथ गोल्ड ईटीएफ में भी निवेश कर रहे हैं और सोना अब निवेश से जुड़ा संपदा बनता जा रहा है। इस साल फरवरी में भारत में गोल्ड ईटीएफ में 9.3 करोड़ डालर का निवेश किया गया जो पिछले छह माह में सबसे अधिक है। चीन में भी सोने की मांग लगातार बढ़ रही है। दुनिया में सोने की सबसे अधिक खपत चीन और उसके बाद भारत में होती है। सोने की सीमित आपूर्ति से भी इसकी कीमत लगातार मजबूत हो रही है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक पिछले 20 सालों से सोने की माइनिंग में औसतन सिर्फ 1.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है।