अमेरिका में मंदी की आशंका और बांग्लादेश में तख्तापलट की खबर पूरी दुनिया के शेयर बाजार को ले डूबी। क्या यूरोपीय, क्या एशियाई और क्या भारतीय हर जगह प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स गोते लगाते नजर आए। इस दौरान प्रमुख घरेलू बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 2,222.55 (-2.74%) अंकों की गिरावट के साथ 78,759.40 के स्तर पर बंद हुआ। दूसरी ओर, निफ्टी 2.68% की गिरावट के साथ 24,055.60 पर बंद हुआ।
निवेशकों को ₹15.34 लाख करोड़ का चूना, रुपया ऑल टाइम लो पर – सोमवार को रुपया भी डॉलर के मुकाबले 16 पैसे की गिरावट के साथ अपने सर्वकालिक निचले स्तर 82.88 रुपये के पर बंद हुआ। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन बाजार बंद होने तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केट कैप 15.34 लाख करोड़ रुपये घटकर 441.82 लाख करोड़ रुपये रह गया।
भारत के अलावे यूरोपीय और अन्य एशियाई शेयर बाजारों में भी भारी बिकवाली नजर आई। जापान में तो सोमवार के कारोबारी सत्र के दौरान बेंचमार्क इंडेक्स वर्ष 1987 के ब्लैक मंडे से भी अधिक नुकसान की स्थिति में चले गए। अमेरिकी मंदी के डर ने निवेशक को जोखिम लेने से बचते नजर आए। जापान का बेंचमार्क निक्केई 12.40% की गिरावट के साथ 31,458.42 पर बंद हुआ, जो अक्टूबर 1987 के बाद से इसकी सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट है, जबकि व्यापक बाजार टॉपिक्स 12.48% गिरकर 2,220.91 पर आ गया। यूरोपीय शेयरों की बात करें तो फ्रांस, स्पेन और ब्रिटेन के बाजारों में भी बड़ी गिरावट दिखी।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी के विजयकुमार के अनुसार वैश्विक शेयर बाजारों में तेज गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका है। अमेरिका में जुलाई में रोजगार सृजन में गिरावट दिखी है। बेरोजगारी दर में 4.3% की तेज वृद्धि आई है। मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव भी बाजार में गिरावट का एक प्रमुख कारण है। आज सुबह निक्केई में 4% से ऊपर की गिरावट जापानी बाजार में संकट का एक संकेतक है। निवेशकों को इस करेक्शन में खरीदारी करने की जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है। बाजार के स्थिर होने का इंतजार करें।
अमेरिका में मंदी की आशंका के बीच भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 2,600 अंकों की गिरावट दिखी। वहीं हेवीवेट शेयरों में गिरावट से निफ्टी 24000 के नीचे चला गया। इस दौरान बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 17 लाख करोड़ रुपये घटकर 440.16 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।