आज कश्मीर लौटेगा हज यात्रियों का पहला जत्था, 158 श्रद्धालु शामिल

श्रीनगर, 17 जून: सऊदी अरब में पवित्र हज यात्रा पूरी करने के बाद जम्मू-कश्मीर के 158 श्रद्धालुओं का पहला जत्था आज मंगलवार शाम को वतन लौटेगा। यह उड़ान रात करीब 8:30 बजे श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेगी, जिससे केंद्र शासित प्रदेश के लगभग 3,600 हज यात्रियों की वापसी की प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत होगी।

जम्मू-कश्मीर हज समिति के कार्यकारी अधिकारी डॉ. शुजात अहमद कुरैशी ने बताया कि तीर्थयात्रियों की वापसी सऊदी प्रशासन और भारतीय हज समिति के समन्वय से की जा रही है। उनके आगमन और यात्रा को सुगम बनाने के लिए सभी ज़रूरी प्रबंध किए गए हैं।

श्रीनगर हवाई अड्डे के निदेशक जावेद अंजुम ने जानकारी दी कि यात्रियों के स्वागत के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने कहा, “परिवारों और रिश्तेदारों से अनुरोध है कि वे रात 9 बजे के बाद ही एयरपोर्ट पहुंचे, ताकि आव्रजन और अन्य प्रक्रियाएं शांति से पूरी की जा सकें।” उनके अनुसार, लौटने वाले यात्रियों के लिए अलग काउंटर, सहायता कर्मी और सुरक्षा इंतजाम मौजूद रहेंगे ताकि उन्हें कोई असुविधा न हो।

दूसरी वापसी उड़ान के 26 जून को श्रीनगर पहुंचने की संभावना है, जबकि अन्य जत्थों की वापसी आने वाले दिनों में तय की जाएगी।

हज यात्रियों की संख्या में गिरावट

इस वर्ष जम्मू-कश्मीर से हज यात्रा के लिए आवेदन करने वालों की संख्या में भारी कमी देखी गई। 2025 के लिए केवल 4,100 आवेदन प्राप्त हुए, जबकि 2024 में यह संख्या 8,147 थी — यानी लगभग 48% की गिरावट।

पिछले वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2017 में 35,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे, 2019 में यह संख्या घटकर 21,500 हुई और 2023 में करीब 12,000 तक सिमट गई। इस साल 3,622 यात्रियों का चयन किया गया था, जिनमें 21 महिलाएं महरम कोटे के अंतर्गत थीं। हालांकि, वित्तीय कारणों से करीब 700 से अधिक लोगों ने अंतिम समय पर अपनी यात्रा रद्द कर दी।

हज कोटा और आगे की योजना

भारत का 2025 का कुल हज कोटा 1,75,025 है, जिसमें से 1,22,550 सीटें भारतीय हज समिति के अंतर्गत आती हैं। जम्मू-कश्मीर को इस कोटे में लगभग 4.89% हिस्सा मिला है, जिसमें 2,000 अतिरिक्त सीटें जोड़कर कुल संख्या 7,981 हो गई है।

अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों के परिवारों से अपील की है कि वे यात्रा की आगे की जानकारी और उड़ान कार्यक्रम के लिए हज समिति के संपर्क में बने रहें।