कांग्रेस नेकां का गठबंधन टूटेगा या चलेगा ?

विधानसभा चुनाव में 42 सीटें जीतने वाली नेशनल कांफ्रेंस नेकां गठबंधन की सरकार में होने के बाद भी अपनी शर्तो पर सरकार चलाने की राह पर चल रही है। गठबंधन सहयोगी कांग्रेस, सीपीआईएम और आप पर कम से कम निर्भरता हो इसके लिए नेकां अपने साथ निर्दलीय विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कर रही है ताकि व अपने दम पर सरकार चला सके।

नेकां गठबंधन के सहयोगी के कम से कम हस्तक्षेप के बिना अपनी शर्तों पर सरकार चलाने के लिए सरकार के गठन से पहले ही प्रयास कर रही है। नेकां ने अपने दम पर जरूरी बहुमत जुटा ली है। नेकां के निर्दलीय विधायकों के साथ अब आप का भी समर्थन मिला है।

ऐसे में पार्टी अपने गठबंधन के सहयोगी और छह विधायकों वाली कांग्रेस को सरकार में बड़ा महत्व देने से परहेज करती दिख रही है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस ने गठबंधन की सरकार में दो मंत्रालय व राज्य मंत्री का पद मांगा था, लेकिन नेकां उन्हें एक-एक पद से ज्यादा देने के मूड में नहीं है। नेकां गठबंधन के दबाव में सरकार चलने नहीं चाहती है। ऐसे में वह कांग्रेस को कम से कम महत्व दे रही है।