मैदानी इलाकों की तुलना में पहाड़ी क्षेत्रों की हवा साफ मानी जाती है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में अब ऐसा नहीं है। यहाँ की हवा में भी प्रदूषण घुल चुका है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मंगलवार को स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 की रिपोर्ट जारी की। इसमें श्रीनगर 21वें और जम्मू 22वें स्थान पर रहे।
2011 की जनगणना के आधार पर शहरों को श्रेणियों में बांटा गया था। श्रीनगर को 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में रखा गया, जबकि जम्मू 3 से 10 लाख आबादी वाले शहरों की श्रेणी में है।
2023 में श्रीनगर चौथे और जम्मू 38वें स्थान पर थे। 2024 में डाटा समय पर न भेजने के कारण रैंकिंग नहीं हुई। इस बार श्रीनगर पिछड़कर 21वें स्थान पर आ गया है, जबकि जम्मू ने 2013 की तुलना में अपनी स्थिति सुधारी है।
यह रैंकिंग ठोस कचरा जलाने, सड़कों की धूल, निर्माण कार्य, वाहन धुआं और उद्योगों से होने वाले प्रदूषण जैसे आठ पहलुओं पर तय की जाती है।