केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर, अनुच्छेद 370 और जवाहरलाल नेहरू का जिक्र किया। सोमवार को राजस्थान के जोधपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू करके सबसे बड़ी गलती की थी। इस गलती को केंद्र की मोदी सरकार ने पांच अगस्त 2019 को खत्म किया और जम्मू कश्मीर में तिरंगा फहराया।
अमित शाह ने आगे कहा कि कांग्रेस ने हमेशा राम मंदिर के मुद्दे को नजरअंदाज किया गया थे लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का वादा पूरा किया। उन्होंने कहा, ”70 साल तक कांग्रेस पार्टी ‘राम जन्मभूमि’ पर राम मंदिर के मुद्दे से भटकती रही, लेकिन पीएम मोदी ने न केवल शिलान्यास किया, बल्कि 22 जनवरी को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ भी की।’
नेहरू की गिनाई थी दो गलतियां
कुछ महीने पहले लोकसभा में जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर बहस का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि नेहरू ने “दो गलतियां” कीं। पहली गलती की जम्मी कश्मीर में पाकिस्तान के खिलाफ पूरी जीत हासिल किए बिना युद्धविराम की घोषणा कर दी। दूसरी यह कि कश्मीर (1948 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान) और कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में भी ले गये। शाह ने कहा कि अगर नेहरू ने सही कदम उठाया होता तो पीओके आज भारत का अभिन्न अंग होता।