आपकी जानकारी के लिए बता दे की वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय देश में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नई सरकार द्वारा घोषित आगामी बजट में स्टार्टअप के लिए अधिक धनराशि की मांग कर सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही है। नई सरकार 2024-25 के लिए जुलाई में बजट पेश कर सकती है। अप्रैल, 2021 में 945 करोड़ रुपये की धनराशि के साथ घोषित सीड फंड योजना 2025 में समाप्त हो जाएगी। मंत्रालय इसी तर्ज पर एक नई योजना प्रस्तावित करने पर विचार कर सकता है।
सीड फंड योजना का मकद
सीड फंड योजना का उद्देश्य स्टार्टअप को अवधारणा के प्रमाण, प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षण, बाजार में प्रवेश और व्यावसायीकरण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना था। इस निधि को भारत भर में इनक्यूबेटरों के माध्यम से पात्र स्टार्टअप्स को शुरुआती वित्तपोषण प्रदान करने के लिए चार वर्षों में विभाजित किया गया था।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि किसी उद्यम की वृद्धि के प्रारंभिक चरण में उद्यमियों के लिए पूंजी की आसान उपलब्धता जरूरी है। देश में 1.17 लाख से ज्यादा सरकारी पंजीकृत स्टार्टअप हैं। वे आयकर और अन्य लाभों के लिए पात्र हैं। इन मान्यता प्राप्त स्टार्टअप ने 12.42 लाख से ज्यादा प्रत्यक्ष नौकरियां दी हैं।
‘डीप टेक’ स्टार्टअप के लिए नीति
मंत्रालय द्वारा ‘डीप टेक’ स्टार्टअप के लिए एक समर्पित नीति प्रस्तावित करने की भी उम्मीद है। ‘डीप टेक्नोलाजी’ का मतलब उन्नत वैज्ञानिक और तकनीकी सफलताओं पर आधारित नवाचारों से है। अपनी प्रकृति के कारण, उनमें भारत के सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को हल करने की क्षमता है।
देश में पिछले 10 साल के दौरान स्टार्टअप की संख्या तेजी से बढ़ी है। स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट के अनुसार, फिलहाल मान्यता प्राप्त यानी डीपीआईआईटी रिकॉग्नाइज्ड स्टार्टअप्स की संख्या करीब 1.28 लाख तक पहुंच चुकी है। इनमें टेक से जुड़े स्टार्टअप काफी ज्यादा हैं।