ताइवान में फिर घुसे चीन के 20 विमान और आठ नौसैनिक जहाज

चीन और ताइवान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। चीन लगातार ताइवान में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। गुरुवार सुबह एक बार फिर चीन के 20 विमानों और आठ नौसैनिक जहाजों ने ताइवान में प्रवेश किया। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने बताया कि वह लगातार स्थिति पर नजर रख रहा है। साथ ही सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट किया कि पीपुल्स लिब्रेरशन आर्मी (पीएलए) के 20 विमानों और आठ नौसैनिक जहाजों ने ताइवान की सीमा में प्रवेश किया। 20 विमानों ने मध्य रेखा को पार किया और ताइवान के मध्य और दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में प्रवेश किया। इसे लेकर राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने बयान के साथ ही घुसपैठ किए गए वाले स्थान का मानचित्र साझा किया।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हमारे सशत्र बल स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। साथ ही हमने भी घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए विमान, नौसैनिक जहाज और मिसाइलों को तैनात किया है। दरअसल, चीन ने पिछले दिनों ताइवान के सीमावर्ती इलाके में सैन्य अभ्यास शुरू किया है। इसके चलते बार-बार चीन के विमान ताइवान की सीमा में घुस रहे हैं।

गौरतलब है, ताइवान के आसपास चीन की सैन्य उपस्थिति हाल के वर्षों में काफी बढ़ गई है। द्वीप के आसपास लगातार उड़ानें और नौसैनिक युद्धाभ्यास होते रहते हैं। आए दिन ताइवानी मंत्रालय इसकी जानकारी देता रहता है। बीजिंग ने ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल का प्रयोग करने से इनकार नहीं किया है। वह लगातार ताइवान पर कब्जा करने की कोशिश में लगा हुआ है।

चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है। अब तक चीन ने सीधे ताइवान पर आक्रमण नहीं किया है, लेकिन वो ये सब कुछ ग्रे जोन में करता है। ये चीन की सेना का एक पैंतरा है, जिससे वो सीधे युद्ध तो नहीं करती लेकिन ये शक्ति प्रदर्शन करती है। ग्रे जोन का मतलब है कि कोई देश सीधा हमला नहीं करता है लेकिन इस तरह का डर हमेशा बनाए रखता है। सीधे सैन्य कार्रवाई की जगह, ऐसी कई चीजें होती रहती हैं, जिनसे हमले का डर बना रहता है। ताइवान के साथ चीन यही कर रहा है। चीन सितंबर 2020 से ‘ग्रे जोन’ रणनीति का अधिक बार उपयोग कर रहा है।