भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट देने की वकालत दुनिया के कई देश कर रहे हैं। अब इस सूची में ब्रिटेन का भी नाम जुड़ गया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने गुरुवार को भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट देने के लिए अपना समर्थन दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव जरूरी है।
सुरक्षा परिषद को राजनीति के चलते पंगु नहीं होना चाहिए’
स्टार्मर ने कहा कि ‘सुरक्षा परिषद में विभिन्न देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ना चाहिए और इसे काम करने वाला होना चाहिए न कि राजनीति की वजह से पंगु होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि ‘हम चाहते हैं कि अफ्रीका को स्थायी प्रतिनिधित्व दिया जाए और साथ ही ब्राजील, भारत, जापान और जर्मनी को भी स्थायी सदस्य बनाया जाना चाहिए। निर्वाचित सदस्यों की सीटें भी बढ़ाई जानी चाहिए।’ संयुक्त राष्ट्र में ही एक कार्यक्रम के दौरान गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अधिक पारदर्शी, कुशल, प्रभावी और लोकतांत्रिक बनाने के लिए तुरंत सुधार की जरूरत पर बल दिया था। तन्मय लाल ने कहा कि ‘गंभीर सशस्त्र संघर्ष हमारी अर्थव्यवस्थाओं और समाजों को प्रभावित कर रहे हैं और मौजूदा सुरक्षा परिषद ऐसे संघर्षों को समाप्त करने या रोकने, आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराधों से निपटने और समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में गंभीर रूप से विफल हो रही है।’
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट देने का समर्थन दिया था। अपने संबोधन में इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि ‘फ्रांस, सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है और जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को भी सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होना चाहिए। साथ ही अफ्रीका से भी दो देशों को इसमें प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।’ इससे पहले अमेरिका की संयुक्त राष्ट्र में राजदूत लिंडा थॉमस ने भी एक कार्यक्रम में भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट देने का समर्थन किया था।
भारत विकासशील देशों के हितों का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए लंबे समय से सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की मांग कर रहा है। फिलहाल UNSC में 15 सदस्य देश हैं, जिनमें वीटो पावर वाले पांच स्थायी सदस्य और दो साल के कार्यकाल के लिए चुने गए दस गैर-स्थायी सदस्य शामिल हैं। यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं