दुनिया भर में बढ़ रहे डिजिटल पेमेंट में भारत का हिस्सा काफी बढ़ा है। जहां तक भुगतान और कुल हिस्सेदारी की बात है तो शेष दुनिया के मुकाबले भारत का प्रदर्शन काफी बेहतर है। भारत में डिजिटल लेनदेन की मात्रा 2018-19 के मुकाबले 2021-22 में चार गुना हो गया है। नोटबंदी और कोविड के डिजिटल पेमेंट में शानदार ग्रोथ देखी गई। भारत में यूपीआई बैंक की संख्या में 360 फीसद का ईजाफा हुआ है। यूपीआई ने 10 अरब मासिक लेनदेन को पार करते हुए उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव किया है। भारतीयों के लिए यूपीआई की अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति से न सुविधा बढ़ी है बल्कि बल्कि उन देशों के लिए बड़ा लाभकारी साबित हो रहा है, जहां भारत से बड़ी संख्या में यात्री और प्रवासी आते हैं। इसके अलावा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में भारत दुनिया के कई देशों के मुकाबले अव्वल साबित हो रहा है। यूपीआई, डिजिलॉकर और इंडिया स्टैक सहित अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक को अन्य देशों को भी देना भारत की साख को दुनिया में मजबूत कर रहा है।