बता दें कि खबर यह है कि दो दिन की वर्षा और बर्फबारी में जम्मू कश्मीर में पांच महिलाओं की मौत हो गई। तीन मजदूर समेत पांच लोग नदी-नालों में बह गए। जम्मू के नगरोटा में उफनाये नाले में शनिवार शाम को मां-बेटी बही गईं। बेटी का शव मिल गया है। मां को खोजा जा रहा है। दोनों जंगल में मवेशी चराने गई थीं। कुछ मवेशी भी नाले में बहे हैं
रियासी के चसाना में भूस्खलन से एक कच्चा मकान ढह गया। इसके मलबे में दबकर महिला व उसकी तीन बेटियों की मौत हो गई। महिला के सास-ससुर घायल हो गए। इसके अलावा कई कच्चे ढहे हैं। बारामुला जिले के उड़ी में तीन मजदूर झेलम नदी में गए गए। ये सभी एक पुराने पुल को गिराने के कार्य में लगे थे। सोपोर में आठ साल का एक बच्चा नदी में बह गया।
डोडा के पुल डोडा में सुबह एक इको वैन पर पहाड़ से मलबा और पत्थर गिरने चालक घायल हो गया। जम्मू कश्मीर में श्रीनगर समेत कुछ मैदानी क्षेत्रों में समेत सभी पहाड़ी हिस्सों में दोपहर तक हिमपात और भारी वर्षा हुई। नदी-नालों का जलस्तर सामान्य से ऊपर रहा। कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र 270 किलोमीटर लंबा राजमार्ग दूसरे दिन भी बंद रहा।
रामबन जिले में कई हिस्सों में राजमार्ग पर भूस्खलन हुआ है और पहाड़ों से सड़क पर मलबा गिरा है। उम्मीद है सोमवार को राजमार्ग खोल लिया जाएगा। दोपहर बाद प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में आसमान साफ हो गया। मौसम विभाग के अनुसार छह मार्च को कुछ क्षेत्रों में वर्षा या हिमपात हो सकता है। इसके बाद 10 मार्च तक मौसम साफ रहेगा।
इसके बाद बादल छाने लगेंगे और 12 से 14 मार्च को बारिश और बर्फबारी का सिलसिला फिर शुरू हो सकता है। जम्मू कश्मीर में शुक्रवार रात से ही भारी बारिश और हिमपात शुरू हो गया था। इससे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को काफी क्षति पहुंची है। रामबन में एक दर्जन स्थानों पर पस्सियां व पत्थर गिरे हैं। शुक्रवार सुबह पांच बजे से ही राजमार्ग बंद होने से ऊधमपुर व रामबन जिले में सैकड़ों यात्री दोनों ओर फंसे हैं।
शनिवार देर रात भारी बारिश ने राजमार्ग को और अधिक नुकसान पहुंचाया। पंतिहाल में टनल के बाहर राजमार्ग का बड़ा हिस्सा भूस्खलन में ढह गया। पुलिस और प्रशासन ने रामबन जिले में राजमार्ग पर फंसे 200 से अधिक पर्यटकों समेत बड़ी संख्या में यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। इनमें अधिकतर पर्यटक केरल के थे और कश्मीर से लौट रहे थे।
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