उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ते लव जिहाद और धर्मांतरण के मामलों को लेकर सख्ती दिखाई है। 2021 से 30 अप्रैल 2023 तक, प्रदेश में 427 मामले दर्ज हुए हैं और इससे ज्यादा से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं।
यूपी के अलावा केरल, कर्नाटक, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में भी लव जिहाद और धर्मांतरण के मामले सामने आए हैं। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने धर्मांतरण कानून को वापस ले लिया है, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई कर रहें हैं।
उत्तर प्रदेश में लागू धर्मांतरण कानून के तहत, धार्मिक रूपांतरण को गैरकानूनी घोषित किया गया है। इस कानून के तहत, अपराधियों को 10 साल तक की कठोर कारावास और 15,000 से 50,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है। यदि कोई व्यक्ति अंतर-धार्मिक विवाह करता है, तो उसे शादी से दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना होगा।
जबरन धर्म परिवर्तन पर 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांच साल की कैद की सजा हो सकती है। इसके अलावा, एससी/एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर तीन से दस साल की सजा का प्रावधान है। यदि विवाह का एकमात्र उद्देश्य महिला का धर्म परिवर्तन कराना होता है, तो ऐसी शादियों को अवैध माना जाएगा।
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