जम्मू संभाग के जिला डोडा मुख्यालय से करीब तीस किलोमीटर दूर जंगल और ऊंचे पहाड़ों से घिरा इलाका देसा में आतंकियों की तलाश में सोमवार को अभियान शुरू हुआ। सेना, पुलिस, सीआरपीएफ के जवान दहशतगर्दों की तलाश में चप्पा-चप्पा खंगालते हुए आगे बढ़ रहे थे। इसी दौरान सोमवार शाम साढ़े सात बजे के करीब आतंकियों के साथ मुठभेड़ शुरू हुई। इसके बाद अतिरिक्त बल को भी मौके पर बुलाया गया। रात में एक बार फिर आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई। मानसून के सीजन में ये इलाका धुंध से घिरा रहता है। इस चुनौती के साथ बहादुर सेना के जवान आतंकियों से लोहा लेते रहे। साथ ही आतंकी ऊंची जगह पर छिपे हुए थे और सेना के जवान नीचे से ऊपर की ओर बढ़ते हुए दहशतगर्दों का मुकाबला कर रहे थे। जबांज सैनिक पूरी बहादुरी के साथ आतंकियों की गोलियों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे। इसी बीच सेना के कैप्टन बृजेश थापा, जवान नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और अजय सिंह घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। अंधेरे का फायदा उठाकर आतंकी घने जंगल में भाग निकले। सुबह सूरज की किरणों के साथ ही एक बार फिर बड़े पैमाने में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। खोजी कुत्ते, ड्रोन व अन्य आधुनिक हथियारों के साथ आतंकियों की तलाश की जा रही है। मुठभेड़ स्थल के साथ लगते सभी संपर्क मार्गों पर भी अतिरिक्त जांच की जा रही है।