जयपुर: राजस्थान के जयपुर में महिला आरक्षण बिल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर विपक्षी दलों ने कटाक्ष किया है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चीफ शरद पवार ने इस पर पलटवार किया है। शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि महिला आरक्षण का निर्णय सर्वसम्मति से हुआ था और वह नरेंद्र मोदी के बयान को खारिज करते हुए इसे प्रतिसाद दिया।
महिला आरक्षण का प्रारंभ
शरद पवार ने कहा, “साल 1993 में हमने महिलाओं को आरक्षण दिया था। महाराष्ट्र देश में पहला राज्य था जिसने महिलाओं को रिजर्वेशन दिया। शायद ये बात पीएम नरेंद्र मोदी को मालूम नहीं है।”
संसद में महिला आरक्षण बिल पर नरेंद्र मोदी का दावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दावा किया कि विपक्षी दलों ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन केवल महिलाओं के दबाव में किया है और संसद में किसी भी सदस्य ने इसका विरोध नहीं किया।
महिला आरक्षण में ओबीसी का समर्थन
शरद पवार ने कहा, “कल देश के प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने ये कहा कि संसद में महिला आरक्षण का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। संसद के दो सदस्यों को छोड़ दिया जाए तो बाकी किसी ने भी महिला आरक्षण बिल का विरोध नही किया। हमारा एक सुझाव और मांग थी कि संविधान संशोधन के दौरान ओबीसी को भी इसमें मौका दिया जाना चाहिए।”
सेना में महिला आरक्षण
शरद पवार ने बताया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान 73वें संविधान संशोधन के बाद स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत कोटा प्रदान किया गया था। उन्होंने कहा कि जब वह रक्षा मंत्री थे, तो सेना, नौसेना और वायुसेना में महिलाओं को 11 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था।
भारत-कनाडा विवाद पर पवार का तर्क
शरद पवार ने बताया कि वह भारतीय नागरिक हैं और संसद के सदस्य के नाते भारत सरकार की विदेश नीति का पूरा समर्थन करते हैं। उन्होंने भारत और कनाडा के बीच हाल ही में विवादित होने वाले खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बारे में कुछ तर्क भी प्रस्तुत किए, जिसमें वह भारत सरकार के समर्थन में थे।
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