ग्रेटर नोएडा के जेवर स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने पहुंची बालिकाओं को शिक्षा देने की बजाय झाड़ू-पोंछा और बर्तन साफ कराने का काम कराया जा रहा है। हद तो तब हो गई जब इन मासूम बच्चियों से जिम्मेदारों ने स्कूल से निकालने का डर दिखाते हुए पैर दबाने और मालिश कराई गई। बच्चियों ने अपनी साथ हुए इस अत्याचार की घटना को जब माता पिता को बताया तो उन्होंने जेवर उपजिलाधिकारी से पूरे घटनाक्रम की शिकायत की। उप-जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए बीईओ जेवर को जांच करने और कार्रवाई के आदेश दिए हैं। सरकार ने विषम परिस्थितियों में जीवन यापन करने वाली वंचित वर्ग की बालिकाओं के लिए आवासीय विद्यालय में गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की स्थापना की थी। जेवर के कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ाई करने पहुंची बच्चियों ने यहां की अध्यापिका और रसोइया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जेवर के डुंढेरा गांव निवासी मूलचंद व संजय की बेटी जेवर के कस्तूरबा विद्यालय में 8वीं क्लास में पढ़ रही है। छात्रा संजना व जयशिका का आरोप है स्कूल की वार्डन और रसोइया झाड़ू, पोंछा, बर्तन साफ कराने व खाना बनाने का काम कराती हैं।
छात्राओं का आरोप है कि रात में काम खत्म होने के बाद स्कूल की दो अध्यापिका छात्राओं से पैर दबाने और मालिश कराने का काम कराती हैं। अगर छात्रा पैर दबाने से मना करती है तो छात्राओं के साथ गाली गलौज के अलावा मारपीट व स्कूल से निकालने की धमकी दी जाती है। छात्राएं अगर स्कूल में झाड़ू-पोंछा या अन्य काम को करने के लिए मना करती हैं तो उन्हें खाना नहीं देने का डर दिखाया जाता है। आरोप है कि छात्राओं को परोसे जाने वाले खाने की गुणवत्ता भी निम्न स्तर की होती है। कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ाई करने वाली छात्राओं के अभिभावकों ने शनिवार को शिकायत देते हुए अघ्यापिकाओं और रसोईया पर आरोप लगाए हैं। खंड शिक्षा अधिकारी जेवर को घटनाक्रम की जांच करते हुए दोषी पाए जाने वाले पर उचित कार्रवाई के आदेश दिए है।