खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोपी निखिल गुप्ता की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में, अमेरिका की एक अदालत ने सबूत देने के उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। वहीं, अब चेक रिपब्लिक की अदालत से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने साफ कह दिया है कि चेक रिपब्लिक सरकार चाहे तो आरोपी भारतीय व्यक्ति को अमेरिका के हवाले कर सकता है। निखिल गुप्ता पर अमेरिकी सरकार के वकीलों ने पिछले साल नवंबर में एक मुकदमा दायर किया था। इसमें खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को अमेरिका की जमीन पर मारने की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया गया है। खालिस्तानी पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। निखिल को 30 जून, 2023 को चेक गणराज्य के प्राग में गिरफ्तार किया गया था और इस समय उन्हें वहीं रखा गया है। अमेरिकी सरकार उनके अमेरिका प्रत्यर्पण की मांग कर रही है। अब चेक की अदालत ने निखिल के अमेरिका प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया है। देखना है कि मंत्रालय का क्या फैसला रहता है। दरअसल, निखिल गुप्ता की सारी उम्मीदें अब चेक सरकार के न्याय मंत्री पावेल ब्लेजेक के ऊपर टिकी हैं। मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि गुप्ता के प्रत्यर्पण पर अंतिम निर्णय न्याय मंत्री पावेल ब्लेजेक के हाथों में होगा।
प्रवक्ता व्लादिमीर सेपका ने कहा कि अदालत का फैसला सभी पक्षों को दिए जाने के बाद, मामले की सभी फाइलों को न्याय मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद ब्लेजेक तय करेंगे की गुप्ता के अमेरिका प्रत्यर्पण की अनुमति दी जाए या नहीं।