आज, 17 सितंबर, 2023 को भारत में विश्वकर्मा जयंती का धूमधाम से मनाया जा रहा है, जो हिन्दू धर्म के परंपरागत देवता विश्वकर्मा के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। इसी दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना 73वां जन्मदिन भी मनाया। इस दोहरे अवसर के मौके पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विश्वकर्मा योजना’ की शुरुआत की, जो केंद्रीय बजट 2023-24 में ही घोषित की गई थी।
विश्वकर्मा योजना’ के मुख्य बिंदु
1. आर्थिक सहायता: ‘विश्वकर्मा योजना’ को केंद्र सरकार द्वारा 13,000 करोड़ रुपये के आउटले के साथ फंडिंग किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
2. 18 पारंपरिक व्यवसायों का समर्थन: इस योजना में 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है, जिनमें शिल्पकला, उपहार वस्त्र, थर्मल सॉलर डिवाइसेस, हस्पताली डिवाइसेस, औद्योगिक आयुध, जूट और सिल्क कारीगरी, ताम्र कारीगरी, और अन्य संबंधित क्षेत्र शामिल हैं।
3. ग्रामीण और शहरी क्षेत्र का लाभ: ‘विश्वकर्मा योजना’ के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
विश्वकर्मा योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:
1. पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर जाएं: योजना का लाभ लेने के लिए, आप पीएम विश्वकर्मा पोर्टल (PM Vishwakarma portal) पर जाएं।
2. रजिस्ट्रेशन करें: पोर्टल पर जाकर, आपको अपने व्यक्तिगत और व्यवसायिक विवरण जैसे कि नाम, पता, आधार नंबर, और व्यवसाय के बारे में जानकारी देनी होगी। आपको पोर्टल पर रजिस्टर करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी भी प्रदान करनी होगी।
3. कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में जाएं: आप पास ही के किसी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) जा सकते हैं और वहां रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। CSC के सहायकों से मदद लें और आवश्यक फॉर्म और प्रक्रियाओं को पूरा करें।
4. आवश्यक दस्तावेजों का साथ लें: CSC पर जाने से पहले, आपके पास योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज जैसे कि आधार कार्ड, व्यवसाय प्रमाणपत्र, व्यक्तिगत पहचान प्रमाणपत्र, और अन्य संबंधित दस्तावेज होने चाहिए।
5. रजिस्ट्रेशन पूरा करें: CSC पर जाकर, आपको अपने विवरण और आवश्यक दस्तावेजों के साथ योजना के लिए रजिस्टर करना होगा। यह समय-समय पर अपडेट किए जाने वाले विवरणों का एक भाग भी हो सकता है।
6. योजना का लाभ प्राप्त करें: आपके रजिस्ट्रेशन के बाद, आप विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। आपकी योजना के अनुसार, यह लाभ वित्तीय योजनाओं, प्रशिक्षण, और अन्य उपायों के रूप में प्रदान किया जा सकता है।
‘विश्वकर्मा योजना’ के तहत विभिन्न पारंपरिक व्यवसायों के कारीगरों को वित्तीय सहायता और समर्थन प्रदान किया जाएगा। निम्नलिखित व्यवसायों के कारीगर इस योजना से लाभ पा सकते हैं:
1. कारपेंटर: लकड़ी के काम में लगे कारपेंटर्स को इस योजना से मदद मिल सकती है, जैसे कि उनके कार्यशाला और सामग्री के लिए वित्तीय सहायता।
2. नाव बनाने वाले: नावों के निर्माण में लगे शिल्पकारों को योजना से लाभ मिल सकता है, जिससे वे अपने व्यवसाय को बढ़ावा दे सकते हैं।
3. अस्त्र बनाने वाले: अस्त्र निर्माण में काम करने वाले व्यक्तियों को उनके कार्यशाला और सामग्री के लिए वित्तीय सहायता मिल सकती है।
4. लोहार: लोहारों को अपने कार्यशाला के साथ-साथ उनकी योजना को सफल बनाने में मदद मिल सकती है।
5. ताला बनाने वाले: ताला निर्माण में लगे व्यक्तियों को उनके व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सहायता प्राप्त कर सकती है।
6. हथौड़ा और टूलकिट निर्माता: हथौड़ा और टूलकिट निर्माताओं को योजना के तहत उनके व्यवसाय को विकसित करने के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकती है।
7. सुनार: सुनारों को अपने शिल्पकला को प्रमोट करने और विकसित करने के लिए सहायता मिल सकती है।
8. कुम्हार: कुम्हारों को अपने मिट्टी के काम को बढ़ावा देने के लिए योजना का समर्थन मिल सकता है।
9. मूर्तिकार: मूर्तिकारों को उनके कला को प्रमोट करने और उनके व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सहायता प्राप्त कर सकती है।
10. मोची: मोचियों को उनके जूते और चप्पल के निर्माण में मदद मिल सकती है, जिससे उनका व्यवसाय मजबूत हो सकता है।
11. राज मिस्त्री: राज मिस्त्रियों को उनके धातु कार्यों के लिए सहायता प्रदान कर सकती है।
12.डलिया, चटाई, झाड़ू बनाने वाले: इन व्यवसायों में काम करने वाले कारीगरों को अपने उत्पादों की वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकती है।
13. नाई: नाई को उनके सैलून के विकास के लिए वित्तीय सहायता मिल सकती है।
14. मालाकार: मालाकारों को उनके माले और आभूषण के निर्माण में सहायता प्राप्त कर सकती है।
15. धोबी: धोबियों को उनके धोने के काम को प्रमोट करने के लिए सहायता मिल सकती है।
16. दर्जी: दर्जी को उनके डिज़ाइन और सिलाई कार्यों के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकती है।
17. मछली का जाल बनाने वाले: मछली के जाल बनाने वालों को अपने उत्पादों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान कर सकती है।
‘विश्वकर्मा योजना’ के माध्यम से, इन सभी पारंपरिक व्यवसायों के कारीगरों को उनके व्यवसायों को प्रमोट करने और विकसित करने के लिए आर्थिक सहायता और समर्थन प्रदान किया जाएगा.
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