अनुच्छेद-370 के निरस्तीकरण के विरोध को केंद्र में रखते हुए पीडीपी ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया। घोषणापत्र में महबूबा 370 हटाने के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने का वादा तो करती हैं पर कहीं भी उसे वापस लाने का वादा नहीं करतीं।
घोषणापत्र में पाकिस्तान के नाम का उल्लेख नहीं
इस घोषणापत्र को महबूबा मुफ्ती और पीडीपी के 370 पर नरम पड़ते रुख का सुबूत माना जा रहा है। यहां बता दें कि यह वही महबूबा हैं, जिन्होंने चेताया था कि अगर अनुच्छेद-370 को छेड़ा गया तो कश्मीर में कोई तिरंगा थामने वाला नहीं मिलेगा। इस घोषणापत्र में कश्मीर मसले के समाधान के लिए सभी संबंधित पक्षों के साथ बातचीत और सुलह का भी राग अलापा गया है। हालांकि इसमें कहीं पाकिस्तान के नाम का उल्लेख नहीं है।
महबूबा मुफ्ती ने लगाए आरोप
पूर्व में महबूबा खुले मंच से पाकिस्तान को बातचीत में शामिल करने की वकालत करती रही हैं। घोषणापत्र जारी करते हुए महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि अनुच्छेद-370 के निरस्तीकरण ने कश्मीर मसले को और जटिल बनाया है। बीते पांच वर्ष से हमें सामूहिक रूप से कमजोर बनाया जा रहा है। यहां लोगों को अपनी आवाज नहीं उठाने दी जा रही, यहां लोगों को दबाकर दिखाया जा रहा है कि सबकुछ ठीक है। उन्होंने कहा कि हम संसद में जाकर जम्मू-कश्मीर के लोगों को आवाज उठाएंगे।