प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मीडिया को संबोधित किया, जिसमें भारत की आर्थिक वृद्धि के प्रमुख स्तंभों के रूप में “नवाचार, समावेशन और निवेश” पर सरकार के फोकस पर प्रकाश डाला गया। बजट सत्र 2025 से पहले बोलते हुए, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस सत्र के दौरान तैयार की गई चर्चाएं और नीतियां भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की ओर प्रेरित करेंगी।
पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें:
🔹 आर्थिक विकास के लिए दृष्टिकोण – प्रधान मंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास, प्रमुख क्षेत्रों में निवेश, नवाचार को बढ़ावा देने और समावेशन सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
🔹 आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 – राष्ट्रपति के संबोधन के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश करेंगी, जो भारत के आर्थिक प्रदर्शन का अवलोकन प्रदान करेगी और केंद्रीय बजट 2025-26 के लिए मंच तैयार करेगी, जिसका अनावरण फरवरी में किया जाएगा। 1, 2025.
🔹बजट सत्र की समयरेखा – सत्र दो भागों में आयोजित किया जाएगा:
चरण 1: 31 जनवरी से 13 फरवरी
चरण 2: 10 मार्च से 4 अप्रैल
यह संरचना बजट प्रस्तावों की विस्तृत समीक्षा और चर्चा की अनुमति देती है।
🔹 विधायी एजेंडा – सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर केंद्रित अन्य प्रमुख सुधारों के साथ-साथ कर अनुपालन को सरल बनाने के उद्देश्य से एक नया प्रत्यक्ष कर कानून पेश करने के लिए तैयार है।
भारत के भविष्य पर पीएम मोदी का फोकस
प्रधान मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के पास वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरने के लिए आवश्यक संसाधन, दृढ़ संकल्प और रणनीति है। उनके भाषण ने रोजगार सृजन बढ़ाने, व्यवसायों का समर्थन करने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए दीर्घकालिक निवेश, नवाचार-संचालित नीतियों और समावेशी विकास रणनीतियों के महत्व को रेखांकित किया।
आगे क्या होगा?
आज आर्थिक सर्वेक्षण पेश होने के साथ, अब सभी की निगाहें वित्त मंत्री सीतारमण की बजट 2025-26 प्रस्तुति पर हैं। विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ और हितधारक कर सुधारों, बुनियादी ढांचे में निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उपायों का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।
इस बजट सत्र से आने वाले वर्षों के लिए भारत की वित्तीय और नीति दिशा को आकार देने, टिकाऊ और समावेशी विकास की दिशा में अपनी यात्रा को मजबूत करने की उम्मीद है।