राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब व हरियाणा सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में लगातार दूसरे दिन भी वर्षा हुई। इससे सर्दी का सितम तो बढ़ा, लेकिन गेहूं की फसल के लिए वर्षा का इंतजार कर रहे किसानों को राहत मिली है।
अलबत्ता, पंजाब और हरियाणा में बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से फसलों को नुकसान हुआ है। पहाड़ी राज्य जम्मू-कश्मरी, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश के साथ ही बर्फवारी भी हुई। इससे जनजीवन तो प्रभावित हुआ, मगर पर्यटन को अब पंख लगेंगे। बर्फबारी से सेब उत्पादक खुश हैं। वर्षा से हवा की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत के कुछ राज्यों में शुक्रवार और शनिवार को भी बारिश हो सकती है। दिल्ली में 24 घंटे की वर्षा में दो माह की भरपाई दिल्ली में सिर्फ 24 घंटे की वर्षा ने दिसंबर-जनवरी महीनों का ‘सूखा’ खत्म कर दिया है। बुधवार से लेकर गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे तक 27.1 मिमी वर्षा हुई है। दिसंबर की सामान्य वर्षा 8.1 मिमी, जबकि जनवरी की 19.5 मिमी है, लेकिन इस बार दोनों माह सूखे रहे थे। मौसम विभाग का अनुमान है कि शुक्रवार सुबह मध्यम से घना कोहरा होगा। दिन में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे।
उत्तराखंड में पर्यटकों, किसानों व बागवानों के चेहरे खिले
उत्तराखंड में लगातार दूसरे दिन बर्फबारी व वर्षा होने से पर्यटकों, किसानों, बागवानों के चेहरे खिल गए हैं। पूरे शीतकाल में पहली बार इस तरह बर्फबारी व वर्षा हुई है। नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी चायना पीक में सीजन की पहली बर्फबारी हुई। मसूरी में सुबह ओलावृष्टि और दोपहर बाद हल्का हिमपात हुआ। बर्फबारी से चार धाम समेत हिमालय की चोटियों चांदी की तरह चमक उठी। केदारनाथ धाम में दो फीट से अधिक बर्फ पड़ी। बर्फबारी से बदरीनाथ राजमार्ग हनुमानचट्टी के पास बाधित हो गया है, जबकि उत्तरकाशी में गंगोत्री राजमार्ग गंगनानी से आगे अवरुद्ध हो गया। हिमालय की चोटियों पर अगले तीन दिन तक बर्फबारी का क्रम बना रह सकता है।
जम्मू-कश्मीर में पहाड़ों के साथ श्रीनगर, कटड़ा में माता वैष्णो देवी के भवन, भैरो घाटी व पत्नीटाप समेत कई हिस्सों में इस मौसम का पहला हिमपात हुआ। इससे लोगों के चेहरे खिल गए, पर यह मौसम परेशानी का भी सबब बना। रामबन जिले में भूस्खलन व बनिहाल में बर्फबारी से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है।
इससे देश का कश्मीर से सड़क संपर्क कट गया। जम्मू से श्रीनगर तक हाईवे पर जगह-जगह वाहनों को रोके जाने से लंबी कतारें लग गईं। जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में हिमस्खलन की चेतावनी देते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।