राज्य में कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने और पुलिस विभाग को तकनीकी रूप से सक्षम सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से मुंबई के सह्याद्री अतिथिगृह में गृह राज्य मंत्री योगेश कदम की अध्यक्षता में एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्यभर में लगाए जा रहे CCTV कैमरों की स्थापना और उनके रखरखाव में एकरूपता लाना था।
अब तक विभिन्न विभागों द्वारा लगाए जा रहे CCTV कैमरों में गृह विभाग की आवश्यकताओं और मानदंडों का समुचित पालन नहीं हो रहा था। इसे देखते हुए निर्णय लिया गया कि भविष्य में गृह विभाग के अलावा अन्य सभी विभागों को भी CCTV कैमरों की स्थापना में गृह विभाग द्वारा तय मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा।
CCTV: अपराध नियंत्रण का अहम हथियार
गृह राज्यमंत्री योगेश कदम ने कहा कि CCTV प्रणाली कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अपराधों के खुलासे के लिए एक अत्यंत प्रभावी और आवश्यक साधन है। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली की दक्षता और रखरखाव की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए नीति स्तर पर बदलाव लाना जरूरी हो गया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सहमति से जल्द ही एक उच्चस्तरीय समिति गठित की जाएगी, जो इस दिशा में समन्वय स्थापित करेगी और नीतियों को अंतिम रूप देगी।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
इस बैठक में विधायक सिद्धार्थ शिरोले, गृह विभाग के प्रधान सचिव (विशेष – कानून व्यवस्था) अनुप कुमार सिंह, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक अनिल भंडारी, सहायक पुलिस महानिरीक्षक (योजना व समन्वय) प्रकाश जाधव, पुलिस उपायुक्त अकबर पठान सहित गृह विभाग, नगर विकास विभाग और महानगरपालिका के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
गांव-गांव तक फैलेगा CCTV का जाल
बैठक के बाद योगेश कदम ने कहा कि पूरे राज्य, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, उच्च गुणवत्ता वाले CCTV कैमरे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) प्रणाली और फेस रिकग्निशन तकनीक से युक्त कैमरों की स्थापना आवश्यक है। इससे न केवल अपराधों की रोकथाम में सहायता मिलेगी, बल्कि अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी भी सरल होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा सिर्फ पुलिस की नहीं, बल्कि पूरे प्रशासन की सामूहिक जिम्मेदारी है, और इस दिशा में सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा।
यह पहल राज्य में तकनीकी दृष्टि से स्मार्ट और सुरक्षित माहौल बनाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।