मुस्तफाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पेश कर सकते हैं मोहन सिंह बिष्ट

दिल्ली विधानसभा में आज भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट मुस्तफाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। उससे पहले ही दिल्ली में नाम बदलने को लेकर सियासत शुरू हो गई है। भाजपा नेताओं से लेकर आप के नेता बयान दे रहे हैं। मुस्तफाबाद से भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने स्पष्ट कहा कि मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलने के लिए मेरे द्वारा प्रस्ताव लाया गया है। 1998 से 2008 के बीच जब मैं विधायक था, तब इस क्षेत्र का नाम करावल नगर था। मुस्तफाबाद का नाम किसी धार्मिक गुरु के नाम पर नहीं रखा गया है। यहां मुस्तफा नाम का एक प्रॉपर्टी डीलर हुआ करता था, जिसने कुछ राजनीतिक लोगों के साथ मिलकर मेरे दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में जाने के बाद इस क्षेत्र का नाम बदलकर मुस्तफाबाद रख दिया। 

आगे कहा कि आज हर कोई मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलकर शिव विहार करने की मांग कर रहा है। लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए मंदिरों के पास अवैध मीट की दुकानें बंद कर दी जानी चाहिए। खासकर नवरात्रि के दौरान तो दुकानों को बंद किया जाना ही चाहिए। 

विधानसभा क्षेत्र को शिवपुरी या फिर शिव विहार रखने का प्रस्ताव पेश हो सकता है। बिष्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान यह वादा किया था। चुनाव से पहले बिष्ट ने कहा था कि अगर जनता उन्हें विधायक बनाएगी तो वे मुस्तफाबाद का नाम बदलवाएंगे। बिष्ट 1998 से लेकर 2015 तक करावल नगर क्षेत्र के विधायक रहे थे। इस बार वे मुस्तफाबाद क्षेत्र से चुनाव लड़े थे। बिष्ट का कहना है कि मुस्तफाबाद का नाम बदलने का फैसला यहां की आबादी के संतुलन को ध्यान में रखते हुए लिया जा रहा है। मुस्तफाबाद में 40 से 42 फीसदी मुस्लिम आबादी है और नाम परिवर्तन से इलाके की जनसंख्या के सम्मान को बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि 2020 के दिल्ली दंगों से मुस्तफाबाद प्रभावित हुआ था। दिल्ली के मुस्तफाबाद का नाम बदलने की बात पर आम आदमी पार्टी नेता संजीव झा ने बताया कि जनता ने उनको काम के लिए भेजा है। ये नाम बदलने वाली सरकार है। आप जहां भी जाओ नाम बदल दो। हजारों उर्दू नाम हैं, सब बदल दो। नाम बदलने से जनता का क्या भला होगा? मुस्तफाबाद में महिलाओं को 2500 कब मिलेंगे? आगे कहा कि मुस्तफाबाद के लोगों का विकास कैसे होगा इस पर चर्चा करना अच्छा रहेगा। दिल्ली में हजारों ऐसी जगहें हैं जो उर्दू नाम पर हैं। नाम को बदलने से दिल्ली का भला नहीं होगा। दिल्ली दिलवालों का शहर है इसमें नफरत के बीज न बोएं।