विनोद कुमार
जम्मू। समाज में लगातार बढ़ते नशे में महिलाओं की शमुूलयत ने मानवता को शार्मिंदा कर दिया है। महिला की जब कल्पना की जाती है, तो पहले मां, बहन और फिर बीवी की तस्वीर नजरों के सामने आती है। अफसोस की बात यह है कि अब मां, बहन और बीवी भी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की नापाक साजिश को अमलीजामा पहनाने में अहम भमिका निभा रही है। चंद पैसों के लिये पाकिस्तान के इशारों पर जम्मू-कश्मीर के भविष्य को नशे के जाल में फंसा रही है। हर हफ््ते होने वाली मौतों के लिये महिलाएं भी बराबरी की हिस्सेदार हैं। वो महिलाएं जिन्होंने अपने बच्चों को तो नौ महीने तक अपनी कोख में हिफाजत से रखा, लेकिन दूसरों की कोख उजाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं हैं। पुलिस पुनर्वास केंद्र की प्रभारी डॉ. शहनाज भट्ट ने भी स्वीकार किया है कि काउंसलिंग के दौरान मरीज बताते है कि उनको नशा महिलाओं और युवतियों से मिलता रहा है। आसानी से दौलत कमाने की आड़ में युवाओं में जहर बांटा जा रहा है। डॉ. शहनाज भट्ट ने बताया कि महिलाओं की सक्रियता का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है, जो चिंता का विषय बना हुआ है। कुछ समय पहले श्रीनगर का सौंदर्य का नजारा लेने मियां-बीबी ने कमाल का कारनामा कर दिखाया। 7 किलों ग्राम नशे के साथ पुलिस ने उनको जखैनी चौक उधमपुर से गिरफ््तार किया। पंजाब के अमृतसर निवासी लवप्रीत और मनप्रीत ने श्रीनगर से करोड़ो की नशे की खेप खरीदी थी, जिससे कई परिवारों को उजाड़ने की रचना रची जानी थी। ऐसे सैंकड़ों किस्से आप के सामने है कि जिसमें युवाओं को मौत का सामान बेचने वालों में महिलाएं संलिप्त पाईं गईं हैं। जानम बीबी को कौन नहीें जानता है। नशे के खिलाम मुहिम चलाने वालों में यह नाम कोई नया नहीं है। पुलिस के पहले सफे में जानू बीबी का नाम दर्ज है। कश्मीर में महिलाओं की भूमिका चरम सीमा पर है। नशा लेने से लेकर बेचने तक का फसाना उनकी कलम से ही लिखा जा रहा है। सोपोर से नशे की खेप के साथ तीन लोगों को गिरफ््तार किया गया था, जिसमें दो महिलाएं भी शामिल थीं। अब्दुल लतीफ के साथ जम्मू की सिदड़ा निवासी प्रवीण कौसर और राफियाबाद की शबनम बेगम भी शामिल थी। पुलिस के मुताबिक ऐसे दर्जनों मामले सामने आ रहे है जिसमें महिलाओं की सक्रियता लगातार बढ़ रही है। कुछ महिलाओं को दो-दो बार गिरफ्तार करना पड़ा है।