विनोद कुमार
जम्मू- दिल्ली में चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय के आला अधिकारियों के बीच बैठक के तुरंत बाद भाजपा प्रदेश टीम ने विधानसभा चुनाव के प्रचार को तेज का दिया है। रक्षाबंधन के तुरंत बाद दूसरे राज्यों के से 100 से ज्यादा पार्टी के बड़े नेता पार्टी के प्रचार को लेेकर जम्मू-कश्मीर में कैंपिंग करेंगे। अभी भी भारतीय जनता पार्टी के दूसरें राज्यों के छह बडे़ नेता जम्मू संभाग में प्रचार में जुटे है। पांच अगस्त 2019 के बाद संवैधानिक बदलाव के चलते 370 में संशोधन और 35ए को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर के चुनाव पार्टी के लिये प्रतिष्ठा का मामला बन गया है। पार्टी कभी नहीं चाहेगी कि जम्मू-कश्मीर में किसी और सियासी जमात की सरकार बने। सभी विपक्षी दल भी बीजेपी की सरकार को बर्दाश्त नहीं करेंगें।
जम्मू-कश्मीर में पार्टी के मामलों के प्रभारी अशीष सूद का कहना है कि निश्चित तौर पर जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार भाजपा की ही होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाही में जम्मू-कश्मीर में विकास को रफ्तार मिली है, प्रत्येक नागरिक उसकी तस्दीक करता है। सूद ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनावों में इंडिया ब्लाक ने लोगों को भ्रमित किया है, लेकिन अब लोग के समक्ष सभी विपक्षी दल एक्सपोज हो चूुके है। अब भ्रम की राजनीति काम नहीं आएगी।
बाहर से आने वाले पार्टी के नेताओं की रहने की भी व्यवस्था कर ली गई है। खाने के साथ उनके वाहन और वाहन चालक का भी बंदोबस्त किया है। पार्टी अभी तक जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिये 63 कार्यालय खोलें है। इस कार्यालयों के पीछे रहने की भी व्यवस्था रखी गई है। कार्यालयोें का चयन इस तरीके से किया गया है कि आगे ऑफिस और पिछे आवास हैं। सभी नेताओं को अलग अलग विधानसभा हलकोें की जिम्मेदारी दी जाएगी। संगठन महामंत्री अशोक कौल केी वापसी के बाद भी विधानसभा हलकों के लिये विस्तारकों का भी चयन किया जाएगा। उनको भी तुरंत अपने अपने चुनावी हलकों में रवाना किया जाएगा।
पार्टी घोषणा पत्र को लेेकर भी बहुत गंभीरता से काम कर रही है। सभी पूर्व मंत्रियों को अलग अलग विधानसभा में फीडबैक लेने के लिये भेजा जा रहा है। डेलीवेजरों को लेकर भी पार्टी गंभीर है। न्यूनतम वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करवो पर सहमति बनी है। बिलजी के बिलों पर भी चर्चा गई है। पापर्टी टैैक्स भी घोषणा पत्र का हिस्सा हो सकता है।