एक सप्ताह पहले रामबन जिला के परनोत इलाके में पहाड़ का काफी बड़ा हिस्सा भूस्खलन की वजह से नीचे खिसकने से तबाही का मंजर अभी धुंधला भी पड़ा कि रामबन जिला के डलवास में दूसरा परनोत बनना शुरू हो गया है। जमीन धंसने की वजह से अब तक पांच से छह घरों में दरारें आई है। जबकि एक दर्जन से अधिक घर भी खतरे की जद में है। उनको भी एहतियातन खाली करवाया गया है।
पीडब्ल्यूडी के कर्वाटरों में ठहरे प्रभावित लोग
प्रभावितों को पीडब्ल्यूडी के कर्वाटरों और डलवास शेलटर होम में ठहराया गया है। ठीक एक सप्ताह पूर्व पिछले वीरवार शाम पांच बजे रामबन जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर रामबन गूल मार्ग पर स्थित परनोत में जमीन धंसना शुरू होने से परनोत में लोगों के घरों में दरारें आना शुरू हुई। जमीन धंसने की वजह परनोत में पहाड़ का बड़े हिस्से का भूस्खलन की वजह से कट कर नीचे खिसकना था।
करीब 80 परिवार बेघर
धंसने का सिलसिला अभी भी जारी है। परनोत में जमीन धंसने की वजह से अभी तक करीब 80 परिवार बेघर होकर प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए आश्रयों में रह कर अपने पुनर्वास का इंतजार कर रहे हैं। जमीन धंसने से उजड़े परनोत गांव के भयावह हालत को लोग भूल पाते, इससे पहले रामबन जिला मुख्यालय से ऊधमपुर की तरफ 18 किलोमटीर दूर डलवास इलाके में जमीन धंसने से लोगों के घरों में दरारें आ गई है।
15 से 20 घर धंस रही जमीन की जद में आए
पंचायत की पूर्व सरपंच ने बताया कि छह घरों को नुकसान हुआ है, जबकि 15 से 20 घर धंस रही जमीन की जद में है। उन्होंने पास बहने वाले नाले को जमीन धंसाव की वजह बताया। उन्होंने बताया कि वार्ड नंबर 7 में 100 कनाल जमीन बुरी तरह से प्रभावित हुई है। वहीं लोगों के सूचित करने पर प्रशासन हरकत में आया। नायब तहसील चंद्रकोट फारुख मिर्जा टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने डलवास में मकानों में आई दरारों से हुए नुकसान का जायजा लिया।