रामबन जिले के परनोत में जमीन धंसना एक प्राकृतिक आपदा है। इस आपदा की जद में वहां के 50 घर आए हैं, जिसमें से 30 बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जबकि 20 मकानों में हल्की दरारें आने से उनके भी क्षतिग्रस्त होने का खतरा बना हुआ है।
इनके अतिरिक्त 10 और घर पर खतरा मंडरा रहा है। शुक्रवार को परनोत गांव का जायजा लेने पहुंचे डीसी रामबन बसीर-उल-हक ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित लोगों का पुनर्वास और बिजली-सड़क को यथाशीघ्र बहाल करना प्रशासन की प्राथमिकता है।
50 परिवार आपदा से पीड़ित
जमीन धंसने का कारण का पता लगाने के लिए जियोलाजिकल विशेषज्ञ को बुलाया जाएगा। प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक 50 परिवार के 350 लोग इस आपदा से पीड़ित हैं। डीसी रामबन बसीर-उल-हक ने शुक्रवार को रामबन जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित परनोत-ए पंचायत के परनोत गांव का दौरा किया। उनके साथ एडीसी, एसीडी व अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
डीसी ने लिया जायजा
डीसी ने परनोत गांव का दौरा कर वहां पर पर स्थिति का जायजा लिया। इसके साथ ही उन्होंने प्रभावितों के साथ मुलाकात कर उनसे बातचीत की। उन्होंने लोगों को हरसंभव सहयोग और नियमों के मुताबिक उचित मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया। डीसी ने वीरवार को परनोत में जमीन धंसने को प्राकृतिक आपदा बताते हुए कहा कि इस आपदा से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करना पहली प्राथमिकता है। उनके लिए अस्थाई तौर पर उनकी रिहायश के लिए टेंटों या अन्य व्यवस्थाएं कर रहने का इंतजाम किया जाएगा।
चौबीसों घंटे पीड़ितों की मदद तो तैनात रहेगी प्रशासन की टीम
बिजली आपूर्ति लाइनों के ट्रांसमिशन टावर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। चूंकि अभी जमीन धंसने का सिलसिला जारी है, इसलिए इसको ठीक करने में समय लगेगा। मगर प्रशासन का प्रयास होगा कि सड़क सपंर्क के साथ स्थानीय क्षेत्र में जल्द बिजली बहाल की जाए।