राहुल गांधी ने मणिपुर के दौरे के दौरान इंफाल पहुंचकर चुराचांदपुर जिले की ओर जाने का निर्णय लिया है। वह यहां पिछले महीने हुई जातीय हिंसा के बाद विस्थापित हुए लोगों से मिलने के लिए राहत शिविरों का दौरा करेंगे। मणिपुर में मई महीने से शुरू हुए जातीय संघर्ष के बाद से अब तक 50,000 से अधिक लोगों को 300 से अधिक राहत शिविरों में आवास कराया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी की योजना है कि वह इंफाल में राहत शिविरों का दौरा करेंगे और इसके बाद कुछ नागरिक संगठनों के सदस्यों से भी मुलाकात करेंगे। यह मणिपुर में हिंसा के बाद राहुल गांधी का पहला दौरा है। मणिपुर में मई महीने में मेइती और कुकी समुदाय के बीच जातिगत हिंसा हुई थी, जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
मणिपुर में मेइती समुदाय ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा प्राप्त करने की मांग की थी, जिसके विरोध में 3 मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था। इसके बाद झड़पें शुरू हो गई थीं। मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत मेइती समुदाय से मिलती है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में बसे हुए हैं। अतः नागा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे मुख्यतः पर्वतीय जिलों में बसे हुए हैं।
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